शिवपुरी। प्रौद्योगिकी की प्रगति के साथ, सब कुछ धीरे धीरे खुद को ऑनलाइन मोड में स्थानांतरित कर रहा है एक प्रक्रिया जिसे कोविड 19 प्रेरित महामारी द्वारा और तेज कर दिया गया है। इस ऑनलाइन बदलाव के साथ इंटरनेट हमारे दैनिक जीवन का एक प्रमुख हिस्सा बन गया है और साइबर सुरक्षा के प्रश्न ने गति पकड़ ली है। हालाँकि इंटरनेट मानवता के लिए एक उपहार है और हमारे दैनिक जीवन को और अधिक सुखद बनाता है इसके कुछ हानिकारक पक्ष भी हैं जिनके बारे में कई विशेष रूप से बच्चों को पता नहीं है।
इस युग में जहां एक अराजक जीवन शैली को आदर्श माना जाता है माता-पिता के लिए अक्सर अपने बच्चों पर लगातार नजर रखना मुश्किल होता है। लेकिन बच्चों को ऑनलाइन विभिन्न खतरों से बचाने के लिए हमें उन खतरों से अवगत होना चाहिए जिनका वे ऑनलाइन सामना करते हैं।
यह कहना था कार्यक्रम के संयोजक रवि गोयल का जो कि बच्चों के अभिभावकों से इन्टरनेट व फोन के बढ़ते उपयोग से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को नकारात्मक रुप से प्रभावित कर रहा है इसी संबध में शक्तिशाली महिला संगठन के द्वारा कोविड गाईड लाईन का पालन करते हुए करौंदी कालोनी में महिला अभिभावको के एक छोटे समूह से चर्चा के दौरान कही।
इस संबध में पर्यवेक्षक श्रीमती आशा दुबे ने कहा कि साइबरबुलिंग साइबर शिकारियों फिशिंग निजी जानकारी को ऑनलाइन पोस्ट करना कुछ ऐसे सामान्य खतरे हैं जिनका बच्चों को इंटरनेट एक्सेस करते समय सामना करना पड़ता है। कार्यक्रम में रवि गोयल, पर्यवेक्षक श्रीमती आशा दुबे, कोयला कालोनी एएनएमए श्रीमती गीता पटेल, सीएचओ सुश्री रुबिना खान, जसमती आदिवासी आशा सहयोगिनी, रानी जाटव, ज्योति कुलश्रेष्ठ आंननबाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा कार्यकर्ता रचना जाटव के साथ बच्चों की माताओं ने भाग लिया।
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