शिवपुरी-प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री विनोद कुमार के मार्गदर्शन में तथा जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती अर्चना सिंह की अध्यक्षता में आज मंगलवार को उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 1 शिवपुरी के छात्र छात्राओं के साथ राष्ट्र निर्माण में महिलाओं का योगदान विषय पर वर्चुअल संगोष्ठी आयोजित की गई। इस संगोष्ठी में श्रीमती अर्चना सिंह द्वारा छात्रों को बताया गया कि भारत देश में पूर्व काल से ही गार्गी एवं विद्योत्तमा जैसी प्रज्ञावान स्त्रियों का वर्चस्व रहा है जिन्होंने अपनी बुद्धिमत्ता के बल पर समाज में लोहा मनवाया किंतु कुछ कुरीतियों के कारण महिलाओं का स्थान समाज में पीछे रह गया जिसमें महिलाएं घर की चारदीवारी में सीमित होकर रह गई किंतु विभिन्न कानूनों के बन जाने से महिलाओं का समाज में प्रतिनिधित्व बढ़ा।
इसी के साथ-साथ उन्होंने राजनीति एवं प्रशासनिक सेवाओं में भी भागीदारी की किंतु 1990 के दशक में इंटरनेट के आ जाने से दुनिया ने तो तरक्की की किंतु महिलाओं के साथ विभिन्न प्रकार के अपराधों में भी बढ़ोतरी हुई इसलिए यदि हम समाज में प्रगति चाहते हैं तो महिलाओं की स्थिति में सुधार किया जाना बहुत आवश्यक है। श्रीमती अर्चना सिंह द्वारा समस्त छात्रों से आव्हान किया गया कि वे अपने व्यक्तित्व को इस काबिल बनाएं कि आवश्यकता पडऩे पर सहपाठी छात्राएं मदद के लिए उनको योग्य पा सकें। इसी प्रकार उनके द्वारा बताया गया कि पहले सेना के फाइटर विंग में महिलाओं को पद नहीं दिए जाते थे किंतु माननीय उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद अब महिलाएं देश की रक्षा व्यवस्था में भी अपना योगदान दे रही हैं।
जिला विधिक सहायता अधिकारी श्रीमती शिखा शर्मा द्वारा छात्रों को बताया गया कि मध्यकाल में सती प्रथा, पर्दा प्रथा आदि दूषित मानसिकताओं के कारण महिलाओं के स्तर में काफी गिरावट आई किंतु आज स्वतंत्रता के 75 वर्षों के बाद महिलाओं की स्थिति में काफी सुधार हुआ है, किंतु आज भी महिलाएं घर से बाहर निकलकर पूरी तरह सुरक्षित नहीं है महिलाओं को सुरक्षित वातावरण देने के लिए समस्त पुरुषों को प्रयास करने की आवश्यकता है। इसलिए शिक्षा प्राप्ति की उम्र में ही छात्रों को इस ओर ध्यान देना चाहिए कि महिलाएं उनकी उपस्थिति में स्वयं को सुरक्षित महसूस कर सकें जब समाज में अपराध कम होंगे तभी महिलाएं स्वयं को सहज महसूस कर सकेंगी और देश की तरक्की में योगदान दे पाएंगी। इस प्रकार छात्र-छात्राओं एवं डॉ रतिराम धाकड़ प्राध्यापक के सहयोग से इस कोरोना काल में अत्यंत विशिष्ट विषय पर संवाद किया गया।
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