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Tuesday, January 18, 2022

लोकायुक्त पुलिस ने 35 हजार रूपये की रिश्वत लेते पटवारी को दबोचा, नामांतरण के बदले मांगे जा रहे थे पैसे


शिवपुरी।
नामांतरण कराने के एवज में रिश्वत मांगने वाले पटवारी को लोकायुक्त पुलिस ग्वालियर ने मंगलवार को उसके घर पर दबिश देकर रिश्वत की रकम देते हुए पकड़ा और मौके से पुलि सने राशि बरामद करते हुए पटवारी के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया। इस दौरान लोकायुक्त के डीएसपी, निरीक्षक सहित अन्य अमला मौजूद रहा। बताया गया हैकि पटवारी भवन नामांतरण के नाम पर 40 हजार रुपए की रिश्वत मांग कर रहा था और बिना रिश्वत के नामांतरण करने की उसके द्वारा मनाही कर दी गई थी जिसे लेकर शिकायतकर्ता के द्वारा यह पूरा षडयंत्र रचा गया और मामले में लोकायुक्त को शिकायत कर दी।

जानकारी के अनुसार फरियादी राजेंद्र जैन निवासी पुरानी शिवपुरी ने बताया कि उसका एक मकान गुरूद्वारे के पास स्थित है। उस मकान का नामांतरण करवाना था जिस पर वह क्षेत्र के पटवारी अभिनव चतुर्वेदी के पास गया और वह रोज बहाने बनाकर उसे लौटा देता। इसके बाद पटवारी ने नामांतरण करने के एवज में 40 हजार रुपए रिश्वत की मांग की। जिस पर कुछ कम करने को लेकर मामला 35 हजार रुपए तक सेटल हो गया। इस रिश्वत के मामले को लेकर राजेंद्र जैन ने ग्वालियर में लोकायुक्त पुलिस को शिकायत की जहां मंगलवार को जब राजेंद्र जैन रिश्वत के 35 हजार रुपए देने पटवारी के घर गया और पटवारी को 2 हजार के 17 नोट 500 के 2 नोट दिए। रुपए लेने के बाद पटवारी उनको गिनने लगा, इतने में राजेंद्र ने लोकायुक्त पुलिस को इशारा कर दिया। जिस पर घर के बार खड़ी हुई लोकायुक्त पुलिस अंदर आ गई और पटवारी को रिश्वत के रुपयों के साथ गिरफ्तार कर लिया।

इस टीम ने की कार्यवाही
रिश्वत लेते हुए पटवारी को पकडऩे के लिए लोकायुक्त की टीम में डीएसपी प्रद्युम्न पाराशर, टीआई आराधना डेविस, टीआई कविन्द्र सिंह चौहान, आरक्षक देवेन्द्र पवैया, आरक्षक बलवीर सिंह, आरक्षक धीरज नायक सहित इंद्रभान सिंह आरक्षक शामिल थे।

रिश्वत नहीं बल्कि जुर्माने की राशि थी : पटवारी अभिनव चतुर्वेदी
लोकायुक्त द्वारा की गई कार्यवाही के बाद पटवारी अभिनव चतुर्वेदी से जब चर्चा की तो उन्होंने बताया कि जिस राशि 35 हजार रूपये की जो रकम लोकायुक्त टीम के द्वारा रिश्वत के रूप में बताई गई वह राशि रिश्वत की ना होकर जुर्माने की राशि थी। ऐसे में उन्होंने अपने ऊपर हुई इस कार्यवाही को षडयंत्र के रूप में बताया और जान बूझकर फंसाए जाने की बात कही। पटवारी अभिनव चतुर्वेदी के अनुसार उन्होनें अपने संबंधित हल्के में अनेकों लोगों के नामांतरण किए लेकिन किसी भी रूप में शासन के नियमों की अव्हेलना नहीं की बाबजूद इसके षडयंत्र बुनकर मुझे निशाना बनया गया है।

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