सागर। न्यायालय- श्रीमती आरती आर्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी खुरई, जिला सागर के न्यायालय ने आरोपीगण हल्काई कुशवाहा, मुकेश कुशवाहा एवं करन कुशवाहा को धारा 323/34 भादवि मे 06-06 माह के सश्रम कारावास तथा 1000-1000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया गया। राज्य शासन की ओर से सहा. जिला अभियोजन अधिकारी अनिल अहिरवार ने शासन का पक्ष रखा।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 28.05.2018 को सुबह 6ः00 बजे फरियादी अपने बगीचा से दूध लेकर आ रहा था, तभी आरोपीगण हल्काई कुशवाहा, मुकेश कुशवाहा एवं करन कुशवाहा अपने घर के सामने मिले और फरियादी से कहने लगे कि तुमने जैन का बगीचा लिया है मुझे निकलने की जगह नहीं दी और वातारण करने लगे, वातारण करने से फरियादी ने मना किया तो हल्काई और करन ने लात-घूसों से मारपीट की और मुकेष ने हाथ में लिया हसियां मारा जो हाथ की कलाई में लगा जिससे गंभीर चोट आई।
उक्त घटना के संबंध में प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्तगण के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किये। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण हल्काई कुशवाहा, मुकेश कुशवाहा एवं करन कुशवाहा को धारा 323/34 भादवि मे 06-06 माह के सश्रम कारावास तथा 1000-1000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया गया।
मारपीट करने वाले आरोपीगण को 06-06 माह का सश्रम कारावास
छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को 1 वर्ष का सश्रम कारावास
सागर। न्यायालय- सुश्री सृष्टि भारती न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी खुरई, जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी चैन सिंह पिता राजाराम कुर्मी को धारा 354 भादवि मे 1 वर्ष का सश्रम कारावास तथा 500 रूपए के अर्थदण्ड एवं धारा 448 भादवि में न्यायालय उठने तक की सजा एवं 1000 रूपए का अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया गया। राज्य शासन की ओर से सहा. जिला अभियोजन अधिकारी शालू पाराशर ने शासन का पक्ष रखा।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 30.04.2015 को रात्रि 9ः30 बजे फरियादिया अपने घर पर थी जब फरियादिया बर्तन मांजने के लिये अपने घर के आंगन में गई उसी समय चैनसिंह उसके घर पर आया और फरियादिया के पति के बारे मे पूछने लगा तो फरियादिया ने बताया कि वह बाहर गए है। उसके बाद आरोपी चैनसिंह ने फरियादिया का दाहिना हाथ बुरी नियत से पकड़ लिया। जब फरियादिया ने हाथ छुड़ाने की कोशिश की तो आरोपी चैनसिंह ने उसके साथ छेड़छाड़ की। जब फरियादिया चिल्लाई तो आरोपी उसे छोेड़कर भाग गया और जाते-जाते आरोपी कह रहा था कि यदि किसी को बताया तो उसे एवं उसके पति को जान से खत्म कर दूंगा। फरियादिया ने सारी बात अपने पति को बतायी।
उक्त घटना के संबंध में प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किये। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी चैन सिंह को धारा 354 भादवि मे 1 वर्ष का सश्रम कारावास तथा 500 रूपए के अर्थदण्ड एवं धारा 448 भादवि में न्यायालय उठने तक की सजा एवं 1000 रूपए का अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया गया।
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