राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रस्तुत प्रतिवेदन व प्रस्ताव किया पेशशिवपुरी-अखिल भारतीय साहित्य परिषद के 16 वे राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रस्तुत किये गए प्रतिवेदन व पारित किए गए प्रस्ताव को नीचे तक प्रत्येक कार्यकर्ता तक पहुचाने की शुरुआत आज स्थानीय माधव चौक विद्यालय में बैठक कर हुई। अखिल भारतीय साहित्य परिषद जिला शिवपुरी के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने बताया कि हरदोई उत्तरप्रदेश में साहित्य परिषद का हर तीन वर्ष में होने वाला इस तरह 16 वा राष्ट्रीय अधिवेशन सम्पन्न हुआ।जिसमें शिवपुरी जिले से 6 अपेक्षित कार्यकर्ता सम्मिलित हुए।
कन्नड़के वरिष्ठ साहित्यकार एस एल भैरप्पा के द्वारा अधिवेशन का उदघाटन किया गया, साहित्य का प्रदेय विषय पर कई वरिष्ठ साहित्यकारों के द्वारा व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। राष्ट्रीय स्वयमसेवक संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख स्वांत्त रंजन व अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर के द्वारा भी कार्यकर्ताओ का मार्गदर्शन किया गया। राष्ट्रीय महामंत्री ऋषि कुमार मिश्रा ने आगामी तीन वर्षों के कार्यक्रमो को प्रस्तुत करते हुए कहा कि आगामी वर्षों में नियमित कार्यक्रमो के साथ साथ संघ शताब्दी वर्ष, स्वाधीनता का अमृत महोत्सव, ओपनिवेशक मानसिकता का उच्चाटन विषयो पर केंद्रित संगोष्ठी, चर्चाओं, प्रकाशनों के कार्यक्रम की योजना बनी है।
इसे आज शिवपुरी बैठक में प्रस्तुत किया गया। इसी तरह राष्ट्रीय अधिवेशन में पारित प्रस्ताव की भारत को अंग्रेजी में भी भारत ही कहा व लिखा जाए, इंडिया नही लिखा जाए को सभी कार्यकर्ताओ के समक्ष प्रस्तुत किया गया व कार्यकर्ताओ से आग्रह किया गया कि इस विषय को नीचे तक पहुचाया जाए। इस बैठक में डॉ योगेंद शुक्ल, अंगद सिंह तोमर, प्रदीप अवस्थी, राम पंडित, राकेश मिश्रा रंजन, आशिष खटीक, अन्नू श्रीधर, बबलू जाट, राकेश सरैया सहित कई प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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