शिवपुरी। माधव नेशनल पार्क में बाघ बसाने को लेकर बेहद रफ्तार से काम चल रहा है लेकिन फिलहाल दक्षिण अफ्रीका में फैले कोरोना संक्रमण के कारण माधव नेशनल पार्क में बाघ की अगवानी खटाई में पड़ गई है। जिम्मेदार अधिकारियों की माने तो अफ्रीका में माधव नेशनल पार्क भेजने के लिए बाघ पकड़ भी लिए हैं और उनके व्यवहार, रहवास आदि की परिस्थितियों को समझने के लिए पिछले दिनों नेशनल पार्क की एक टीम अफ्रीका जाने के लिए रवाना भी हो गई थी, लेकिन दक्षिण अफ्रीका में फैले कोरोना के कारण टीम को दिल्ली से ही बैरंग लौटना पड़ा। अधिकारियों के अनुसार फिलहाल यह अगवानी कब तक के लिए खटाई में पड़ गई है, यह कह पाना संभव नहीं है, क्योंकि सब कुछ संक्रमण की परिस्थितियों पर निर्भर करता है।बनाने होंगे बाघ के माफिक रहवास
अधिकारियों के अनुसार टीम वहां जाकर यह देखना चाह रही थी कि बाघ किस तरह के जंगल, हालात और वातावरण में रहता है ताकि माधव नेशनल पार्क में भी उसी तरह की परिस्थितियां निर्मित की जा सकें। अन्यथा की स्थिति में बाघ के लंबे जीवन के लिए खतरा उत्पन्न हो सकता है।
अब छोडऩा पड़ेगा पकड़ा हुआ बाघ
अधिकारियों के अनुसार दक्षिण अफ्रीका में वह बाघ पकड़ भी लिए गए हैं, जिन्हें माधव नेशनल पार्क में बसाया जाना है, ताकि उन्हें उस माहौल में ढाला जा सके, जिसमें वह अफ्रीका से माधव नेशनल पार्क तक आ सकें। हालांकि अब उन बाघों को वापस जंगल में छोडऩा पड़ेगा, क्योंकि यह तय नहीं है कि कोरोना संक्रमण के यह हालात कब तक सामान्य होंगे। अधिकारियों का कहना है कि अगर उन्हें नहीं छोड़ा गया तो उनको वहां रखवाने का खर्च ही करोड़ों रुपए हो जाएगा।
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