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Thursday, December 30, 2021

कपड़ों पर जीएसटी बढ़ाए जाने से कपड़ा व्यापारियों में रोष, विरोध स्वरूप दुकानें रखी बंद, सौंपा ज्ञापन


शिवपुरी।
आगामी समय में वित्त मंत्रालय के द्वारा 1 जनवरी से कपड़े पर जीएसटी (गुड एंड सर्विसेस टैक्स)को 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया जाएगा लेकिन इससे व्यापारी नाराज हैं। उनका कहना है कि इससे व्यापार में कमी आएगी, विदेशी कपड़े ज्यादा बिकेंगे और टैक्स की चोरी भी बढ़ेगी। व्यापारी केंद्र सरकार की ओर से कपड़े पर जीएसटी बढ़ाए जाने के फैसले का विरोध कर रहे हैं। कपड़ों पर अब तक 5 फीसदी जीएसटी लग रही है जिसे 1 जनवरी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया जाएगा। जीएसटी बढ़ाए जाने को लेकर गुरूवार को कपड़ा व्यापार संघ ने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा गया।

ज्ञापन में बताया गया कि कपड़ा व्यवसायी विगत 20 माह से कोरोना की विषमताओं के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। कर्मचारी वेतनए बैंक ब्याज, दुकान किराया, बिजली के बिल आदि का नियमानुसार भुगतान करने के कारण काफी नुकसान में है और टूटने की कगार पर है। ऐसी विरीत समय में जीएसटी 12 प्रतिशत करने से व्यापारी पर नकारात्मक असर होगा। छोटे और मध्य कपड़ा व्यापारी जो कि पहले से टूटे हुए हैं लगभग रसातल में पहुंच जाएंगे। पिछले दिनों कच्चा माल, कलर, केमीकल में आई तेजी के कारण तैयार कपड़ों में जबरदस्त तेजी आई है जिसके कारण बढ़ी हुई दरों पर कपड़ा विक्रय करना मुश्किल हो रहा है। 

आजादी के बाद कपड़ा पर 2015 में पहली बार 5 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया था। कपड़ा व्यवसायी उससे उबर भी नहीं पाया है कि अब 12 प्रतिशत की मार कपड़ा व्यापारी झेल नहीं पाएगा। कर वृद्धि से सरकार का राजस्व् नहीं बढ़ेगा ल्कि ईमानदार व्यापारी भी कर चोरी के लिए प्रेरित होगा। इससे ईमानदार व्यापारी का जो अपना व्यापार इमानदारी से करना चाहता है समाप्त हो जाएगा। इसलिए सभी बातों पर विचार करते हुए जीएसटी को पहले की तरह रखी जाए। ज्ञापन सौंपते समय कपड़ा व्यापार संघ के अध्यक्ष राजीव निगोती, महामंत्री दीपू हरियाणी, उपाध्यक्ष प्रदीप सिंघल, कोषाध्यक्ष उमेश अग्रवाल, सेवा प्रकोष्ठ प्रभारी सोनू विनोद गुप्ता सहित संघ के सदस्य मौजूद थे।

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