मामला लोक अदालत में एमपीईबी के एई के साथ हुई मारपीट के थाना केातवाली में हुई एफआईआर काशिवपुरी। बीते रोज आयोजित हुई नेशनल लोक अदालत में बिजली विभाग के काउंटर पर बैठे कर्मचारियों की कुछ वकीलों से बहस हो गई थी। जिसके बाद वकील वहां से चले गए लेकिन इसी बीच बिजली विभाग के एई रणजीतसिंह भदौरिया से परेशान लोगों ने उनकी मारपीट कर दी। मामले को लेकर एई भदौरिया ने अपने साथ हुई घटना को लेकर तीन वकीलों पर पुलिस थाना कोतवाली में प्रकरण पंजीबद्ध करवा दिया। इसी के विरोध में मंगलवार को वकीलों ने भी एसपी को ज्ञापन सौंपकर मामले की जांच कराए जाने की बात कही।
ज्ञापन के माध्यम से अभिभाषक संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि 11 दिसंबर को आयोजित लोग अदालत में झगड़े के दौरान बिजली विभाग के सहायक यंत्री रणजीत भदौरिया की अज्ञात लोगों ने मारपीट की है जिसकी अभिभाषक संघ निंदा करता है। वहीं फरियादी एई रणजीत भदौरिया द्वारा अपने साथ हुई मारपीट को लेकर अज्ञात आरोपितों के खिलाफ थाना कोतवाली में केस दर्ज करवाया लेकिन इसके बाद पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर उन्होंने जिला अभिभाषक संघ के तीन वकीलों के नाम वीडियो फुटेज के आधार पर लिखा दिए जो की गलत है।
एई भदौरिया की पहले से ही प्रवीण त्रिपाठी से नहीं बन रही थी क्योंकि त्रिपाठी ने उनके विरूद्ध न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया है और उपभोक्ता फोरम में भी शिकायत की है इसलिए उनका झूठा नाम एफआईआर में लिखाया गया है। वहीं मोहित ठाकुर, देवेंद्र ओझा राष्ट्रीय लोक अदालत की खण्डपीठ के सदस्य होकर प्रकरणाों में सुलह वार्ता करवा रहे थे उनका भी इस घटना से कोई लेना देना नहीं है। अभिभाषक संघ ने एसपी से मामले की निष्पक्षता से जांच कराए जाने की मांग की।
ज्ञापन सौंपते समय संघ के अध्यक्ष शैलेंद्र समाधिया, उपाध्यक्ष जितेंद्र सिकरवार, सचिव पंकज आहूजा, कोषाध्यक्ष ओमप्रकाश भार्गव, लाइब्रेरियन राजकुमार शाक्य सहित सदस्य धर्मेंद्र शर्मा, स्वरूप नारायण भान, विनोद धाकड़, आलोक श्रीवास्तव, राजेश श्योनारायण जाट, निखिल सक्सैना, शंकरलाल गोविल, रमन अग्रवाल, रवि सोनी, पूजा अग्रवाल, संजीव बिलगैंया सहित अन्य अधिवक्ता मौजूद थे।
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