ग्राम खरई तेंदुआ में उत्साह के साथ मना श्रीकृष्ण जन्मोत्सवशिवपुरी-कोटा फोर लाइन पर स्थित खरई तेंदुआ के बीच श्रीपंचमुखी हनुमान जी मंदिर पर श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिवस भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं की कथाओं का श्रवण कराया गया। यहां कथा व्यास वाल योगी वासुदेव नंदिनी भार्गव द्वारा बड़े ही रोचक तरीके से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को लेकर कथा का प्रसंग श्रवण कराया गया। नामकरण एवं वृजलीला के साथ पूतना उद्धार, सकट भजन और तृणावर्त उद्धार, यमलार्जुन उद्धार और गोकुल से वृंदावन जाना और वकासुर, अघासुर, कालिया नाग, धेनुकासुर का उद्धार करना एवं चीरहरण आदि की कथाओं का श्रवण कराया गया। बाल लीलाओं के बारे में बताया कि भगवान ने बालरुप में जो लीलाएं की वह अद्भुत है। कृष्ण का यह लीला विग्रह, जनमानस को अपार सुख शांति देता है तात्विक दृष्टि से देखें तो ईश्वर ही सर्वस्व के स्वामी हैं, अत: वे चोरी कर ही नहीं सकते, यह तो उनकी दिव्य लीलाएं है, गोपियों को परमानंद दान करने के लिये ऐसी लीलाओं का प्रभु ने आयोजन किया।
ग्राम खरई तेंदुआ में उत्साह के साथ मना श्रीकृष्ण जन्मोत्सवशिवपुरी-कोटा फोर लाइन पर स्थित खरई तेंदुआ के बीच श्रीपंचमुखी हनुमान जी मंदिर पर श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिवस भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं की कथाओं का श्रवण कराया गया। यहां कथा व्यास वाल योगी वासुदेव नंदिनी भार्गव द्वारा बड़े ही रोचक तरीके से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को लेकर कथा का प्रसंग श्रवण कराया गया। नामकरण एवं वृजलीला के साथ पूतना उद्धार, सकट भजन और तृणावर्त उद्धार, यमलार्जुन उद्धार और गोकुल से वृंदावन जाना और वकासुर, अघासुर, कालिया नाग, धेनुकासुर का उद्धार करना एवं चीरहरण आदि की कथाओं का श्रवण कराया गया। बाल लीलाओं के बारे में बताया कि भगवान ने बालरुप में जो लीलाएं की वह अद्भुत है। कृष्ण का यह लीला विग्रह, जनमानस को अपार सुख शांति देता है तात्विक दृष्टि से देखें तो ईश्वर ही सर्वस्व के स्वामी हैं, अत: वे चोरी कर ही नहीं सकते, यह तो उनकी दिव्य लीलाएं है, गोपियों को परमानंद दान करने के लिये ऐसी लीलाओं का प्रभु ने आयोजन किया।
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