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Saturday, December 25, 2021

बृज की फूलों की होली के साथ श्रीमद् भागवत कथा में कृष्ण.सुदामा मित्रता के साथ कथा का हुआ विश्राम





सच्ची मित्रता का सबसे बड़ा प्रेरक प्रसंग है सुदामा चरित : अरविन्द जी महाराज

शिवपुरी- सच्ची मित्रता का सबसे बड़ा प्रेरक प्रसंग यही है, जिसमें भगवान अपने बालसखा सुदामा के आने की खबर पाते ही महल से दौड़ते हुए द्वारिकानगरी की गलियों में पहुंचते है और उन्हें पूरे सम्मान के साथ महल ले जाकर अपने सिंहासन पर बिठाते है इसलिए मित्र ऐसे बनाओं जो आपके सुख-दु:ख में हमेशा शामिल हो, आज के समय में सोशल मीडिया और स्वार्थों की मित्रता होती है उसे त्यागें और सच्चें मित्रों की तलाश कर उसे अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाऐं।

अच्छे और सच्चे मित्र की परिकल्पना का यह सार समझाया प्रसिद्ध राष्ट्रीय कथा शिरोमणी अरविन्द जी महाराज ने जो स्थानीय जल मंदिर मैरिज हाउस में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिवस पर श्रीकृष्ण-सुदामा चरित का प्रसंग उपस्थित श्रद्धालुओं को श्रवण करा रहे थे। इसके पूर्व यहां बृज की होली फूलों के साथ खेली गई और भगवान श्रीकृष्ण-राधा और गोपिकाओं की मनोहर झांकी भी लगाई गई। 

यहां सर्वप्रथम कथा के मुख्य यजमान हरगोविन्द, पुरूषोत्तम व अनिल अग्रवाल सहित कथा यजमान शहर कांग्रेस अध्यक्ष मोहित अग्रवाल, तरूण अग्रवाल आदि के द्वारा श्रीमद् भागवत कथा का पूजन किया गया तत्पश्चात अरविन्द जी महाराज ने कथा विश्राम के पूर्व अपने आर्शीवचनों में कहा कि पूर्ण समर्पण भाव से भक्ति की जाती है तो भगवान अवश्य मिलते है, भक्त तीन तरह के होते है जिनमें से पहला मूर्ति दर्शन करने जाता है और दूसरा भक्त गरीबों की सेवा करता है तथा तीसरा भक्त प्रत्येक व्यक्ति में भगवान के रूप को देखता है। 
 इसलिए जीवन को ईश्वर मय बनाने के लिए सच्चे मन से भक्ति करें। कथा विश्राम से पूर्व यहां बृज की तर्ज पर फूलों की होली खेली गई और उपस्थितजनों ने बड़े उत्साह के साथ कथा का रसपान किया। कथा समापन पश्चात रविवार को अग्रवाल परिवार के द्वारा हवन-पुर्णाहुति के साथ कार्यक्रम का समान किया जाएगा।

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