घटयात्रा के साथ होगा पंचकल्याणक व गजरथ महोत्सव का आगाजशिवपुरी। आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के परम शिष्य परम पूज्य मुनि श्री अभयसागर जी महाराज, मुनि श्री प्रभातसागर जी महाराज एवं मुनि श्री निरीहसागर जी महाराज जी महाराज के मंगल सानिध्य एवं प्रतिष्ठाचार्य बाल ब्रह्मचारी श्री प्रदीप भैया सुयश के निर्देशन में होने वाले पंचकल्याणक महा.महोत्सव का आगाज आज रविवार को प्रात: घटयात्रा के साथ होगा।
पीत वस्त्र धारण कर महिलाएं मस्तक पर शुद्ध जल के कलश लेकर चलेंगी। वहीं भगवान के माता-पिता, सौधर्म इंद्र आदि सभी महापात्र रथों व हाथी.घोड़ों पर सवार होकर चलेंगे। घटयात्रा प्रात: 7 बजे स्थानीय छत्री मंदिर से प्रारंभ होकर माधव चौक चौराहे, गांधी चौक, सदरबाजार, न्यू ब्लॉक चौराहे होते हुए गांधी पार्क में में बने विशाल पंडाल कार्यक्रम स्थल पहुंचेगी। शुद्ध जल व मंत्रोच्चार से पंडाल एवं वेदी की शुद्धि की जाएगी, जहां ध्वजारोहण कार्यक्रम एवं ध्वज सलामी, परेड आदि कार्यक्रम होंगे तथा मुनि महाराज के मंगलिक प्रवचन होंगें। इस दौरान पूरे कार्यक्रम में हेलीकॉप्टर से पुष्प वृष्टि की जाएगी।
दोपहर में होगा याग महामंडल विधान
प्रतिष्ठाचार्य प्रदीप भैया के निर्देशन में व संगीत मंडल की स्वर लहरी के साथ दोपहर में याग मंडल विधान प्रारंभ होगा। शाम 7 बजे महाआरती के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रारम्भ होंगे, जिसमें माता के सोलह स्वप्न, गर्भ कल्याणक पूर्व की क्रियाएं, सौधर्म इंद्र का दरवार सजाया जाएगा। ज्ञात हो कि पंचकल्याणक हेतु पूरे गांधी पार्क को विशाल अयोध्या नगरी का रूप दिया गया है, जिसमें विशाल पंडाल बनाया गया है, जिसमें 10 हजार से अधिक श्रावकों के एक साथ बैठने के इंतजाम किए गए हैं। इसके साथ ही श्रावकों की सुविधाओं का ख्याल रखते हुए तमाम इंतजाम किए गए हैं। जिसकी सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री करेंगे शिरकत
पंचकल्याणक के प्रथम दिन केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्रीमंत ज्योतिरादित्य जी सिंधिया प्रात: 9रू30 बजे कार्यक्रम में शिरकत करेंगेए एवं विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
पाषाण से भगवान बनने बाली प्रतिमाएं पहुंची
इसके पूर्व कल शनिवार को भगवान आदिनाथ, मुनिसुव्रत, भगवान भरत एवं विधि.नायक भगवान की प्रतिमाए एवं अन्य प्रतिमाएं शोभायात्रा के साथ श्री पाश्र्वनाथ जिनालय पुरानी शिवपूरी से पंचकल्याणक स्थल पर पहुंचीं। जहां ये प्रतिमाएं प्रतिष्ठित होकर पूज्यनीय हो जाएंगी। पाषाण से भगवान बनने के इस अनूठे कार्यक्रम को लेकर शिवपुरी ही नहीं समूचे अंचल में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।
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