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Monday, December 13, 2021

जेलर मौर्य के द्वारा 35 करोड़ से अधिक ऊॅं नम: शिवाय लिखी किताबें ओंकारेश्वर में की समर्पित



गुरूजी शिवओहम भारती ने जेलर मौर्य का सपत्निक अनुकरणीय कार्य के लिए किया सम्मानित

शिवपुरी-दूसरों के जीवन में सदैव सुख देनाए दूसरों के जीवन को समृद्ध करना और एक जेलर के रूप में कैदियों की मनोदशा बदलकर उनके जीवन में सुधार लाना निश्चय यह पुण्य कर्मों का प्रतिफल है ऐसे महान सेवाभावी लोग विरले ही होते है जो शासन की सेवा के साथ.साथ मानवसेवाए पशु सेवा और अन्य सेवा कार्येां में बढ़.चढ़कर भाग लेते हैए ऊॅं नमरू शिवाय नाम से युक्त 65 करोड़ से अधिक लिखे हुए शब्दों की पुस्तकों को एकत्रित किया गया है और आज यह उनके समर्पण का दिन है बाबजूद इसके आगे भी यह कार्य किया जाना है और इसे अन्य लोगों तक भी पहुंचाने का कार्य जेलर श्री मौर्य के द्वारा किया जाए। 

उक्त आर्शीवचन और ऊॅं नमरू शिवाय रचित शब्दो को लेकर यह बात कही प्रसिद्ध ओंकारेश्वर मंदिर के महंत शिवओहम भारती ने स्थानीय मंदिर परिसर में आए चार बार के राष्ट्रपति पुरूस्कार से पुरूस्कृत और कैदियों के जीवन में बदलाव लाने वाले जेलर विजय सिंह मौर्य और उनकी पत्नि श्रीमती माया मौर्य को सम्मानित करते हुए हुए। यह सम्मान देते हुए महंत शिवओहम भारती ने कहा कि जेलर मौर्य के द्वारा जो कार्य आमजन को करना चाहिए वह स्वयं शासकीय सेवक के रूप में रहते हुए कैदियों के जीवन में बदलाव लाने के लिये किया गया है

इससे ना केवल शिक्षा अध्यापन में सहायता मिलती है वरन् लिखने.पढऩे की आदत भी बनती है इसलिए यह एक अभियान के रूप में चलाया जाना चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोग ऊॅ नमरू शिवाय मिशन से जुड़ सके। इस अवसर पर जेलर मौर्य के द्वारा 65 करोड़ लिखे हुए ऊॅ नमरू शिवाय पुस्तकें महंत शिवओहम भारती को समर्पित करते हुए आर्शीवाद प्राप्त किया।

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