प्रति मंगलवार और शनिवार को पेट्रोल पंपों पर छाया रहेगा अंधेरा, 30 दिसम्बर से नहीं होगा पेट्रोल की खरीदीशिवपुरी-भारत का संभवत इकलौता ऐसा व्यवसाय है जो कि व्यवसायी की मेहनत अथवा योग्यता पर निर्भर न रहकर सरकार की नीतियों और रहमो करम पर टिका हुआ है। हमारा मध्यप्रदेश बहुत बड़ा राज्य है जिसकी अनेकों प्रदेशों से सीमा लगी हुई है। सीमाई राज्यों की सरकारों की नीतियों का असर मध्यप्रदेश के पेट्रोलियम व्यवसाय पर भी पड़ता है। दिल्ली जैसे राज्य भी जिसकी सीमाएं अनेकों राज्यों से लगी हुई हैं ने अपने पड़ोसी राज्यों के बराबर पेट्रोल एवं डीजल की टैक्स दरों को कर दिया है। पर मध्यप्रदेश की हमारी सरकार ना जाने क्यों आदिकाल से चले आ रहे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच की वैट दर के अंतर को कब कम करेगी।
उत्तर प्रदेश के दाम मध्य प्रदेश से कम होने के कारण आज भी आधे से ज्यादा मध्य प्रदेश की जनता महँगे डीजल एवं पेट्रोल खरीदने को बाध्य है साथ ही इस सैक्टर से जुड़े अन्य व्यवसायी भी अपनी गुजर.बसर के लिए सरकार की नीतियों के रहमों करम पर निर्भर हैं। इसी क्रम में अब पेट्रोल पंप एसोसिएशन के द्वारा आगामी 21 दिसम्बर से प्रदेश भर क समस्त पेट्रोल पंपों पर ब्लैक आउट रहेगा जिसके तहत प्रति मंगलवार और शनिवार को सायं 7:30 बजे से 8 बजे तक किसी भी पेट्रोल पर उजाला नहीं होगा और वह अधिंयारे में रहरक अपना विरोध दर्ज कराऐंगें। इसके साथ ही 30 दिसम्बर से प्रति गुरूवार को होने वाले पेट्रोल की खरीदी जिसे डीलर लोड कहा जाता है वह नहीं की जाएगी। पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने प्रदेशवासियों को होने वाली असुविधा के लिए आमजन से सहयोग की अपील की है।
चरणबद्ध आंदोलन ही एकमात्र अंतिम विकल्प बचा है
ग्वालियर चंबल संभाग के सभी डीलर्स आगामी 21 दिसंबर से ब्लैक आउट और नो परचेज के चरणबद्ध आंदोलन को करने जा रहे हैं।
हम जनता से भी अपील करते हैं कि जिस प्रकार उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के नागरिक उचित दर पर पेट्रोल व डीजल खरीद कर अपने व्यवसाय को सुदृढ़ करने में लगे हैं उसी प्रकार से मध्य प्रदेश की जनता का भी यह हक बनता है कि उन्हें भी उचित दर पर पैट्रोल व डीज़ल की उपलब्धता हो, जिससे कि वह भी मध्यप्रदेश के विकास में योगदान कर सके। इस हेतु अपनी आवाज बुलंद करे। और इस जन आंदोलन को सफल करें।
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