पटेल पार्क में साहित्यकारों का दीपावली मिलन समारोह संपन्नशिवपुरी-शिवपुरी के समस्त साहित्यिक संस्थाओं का दीपावली मिलन समारोह स्थानीय पटेल पार्क पर आयोजित किया गया जिसमे समस्त कवियों ने अपनी रचनाओं का वाचन किया तत्पश्चात एक दूसरे का मुंह मीठा करा दीपावली की बधाइयां प्रदान की। स्थानीय पटेल पार्क पर आयोजित दीपावली मिलन समारोह का शुभारंभ स्वर्गीय हरि उपमन्यु का पुण्य स्मरण व अरुण अपेक्षित को जन्मदिवस की मंगलकामना प्रदान कर हुआ। तत्पश्चात सेवानिवृत्त तहसीलदार योगेंद शुक्ल के मुख्य आतिथ्य व सुकून शिवपुरी की अध्यक्षता में आदित्य शिवपुरी के विशिष्ठ आतिथ्य में काव्य पाठ सलीम बादल के संचालन में प्रारम्भ हुआ।
सर्वप्रथम वैशाली पाल ने माँ सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की, उसके बाद पहले कवि की भूमिका में महेश मधुर ने धन्य पुण्यात्मा के हिय में बसे है राम, तन में मन मे राम जीवन मे श्रीराम है सभी के समक्ष प्रस्तुत की, तत्पश्चात क्रमश: शरद गोस्वामी ने राम जी ने दिया है जीवन, आओ करे कुछ बेहतर काम, अजय जैन अविराम ने दीप से दीप जलाते चले, प्रेम राग सुनाते चले, राकेश मिश्रा रंजन ने पेड़ प्रकृति से ही हमको मिला अनुपम उपहार, जिसके उपकारों तले दबा हुआ संसार, रमन शर्मा करुणेश ने हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, खूब गीत सुनाए जान से, प्रदीप अवस्थी सादिक ने सितारे तोड़कर ये आसमा से कौन लाया है, ये किसके नूर से धरती का दामन जगमगाया है,
याकूब साबिर ने भूल जाना मेरी फितरत में नही है शामिल, फिर भी उस दिन की कोई बात याद नही मुझे, आशुतोष शर्मा ओज ने देश मे गरीबी, भय भूख और भ्रष्टाचार इनके समूल अंत उपाय आज कीजिये सुनाई। तत्पश्चात विशिष्ठ अतिथि आदित्य शिवपुरी ने इतना बेचेन भी न हो अय दोस्त, जल्द मुद्दे तक आ रहा हु में,
मुख्य अतिथि योगेंद शुक्ल ने दीवाली के पावन दिन पर मुझे जलाने से क्या होगा, पूछ रहा माटी का दीपक और अध्यक्षीय क्रम में सुकून शिवपुरी ने जब किसी पालघर में कत्ल होते है साधु, तो ऐसे वक्त मुझे राम याद आते है सुना कर काव्य पाठ का समापन किया। अंत मे महेश मधुर ने सभी का आभार माना। सलीम बादल ने कार्यक्रम का सधा हुआ संचालन किया। बाद में सभी ने एक दूसरे का मुंह मीठा कराया। इस तरह दीपावली मिलन समारोह सम्पन्न हुआ।
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