5 सूत्रीय मांगों के संबंध में एडीएम को मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापनशिवपुरी-जिला मुख्यालय पर स्थानीय कलेक्ट्रेट रोड़ स्थित रोटरी चौक के पास अतिथि शिक्षक संघ के द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन एडीएम मनोज गरवाल को रैली निकालते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचकर सौंपा गया। इस ज्ञापन के माध्यम से अतिथि शिक्षक संघ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से अतिथि शिक्षकों के हित में नीति एवं नियम बनाकर नियमीतरकरण किए जाने की पुरजोर मांग उठाई। इसके पूर्व सभी अतिथि शिक्षकों ने धरना प्रदर्शन कर अपनी 5 सूत्रीय मांगों को मीडिया के समक्ष भी उठाया।
यहां अतिथि शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष भगत सिंह चौहान के साथ श्रीमती पूजा शर्मा, श्रीमती जोगिता शर्मा, श्रीमती उमा पाल, मनोज सक्सैना, सरिता धाकड़, विवेक भार्गव, संजू कोली, चंदन सिंह भदौरिया, पूरन सिंह चंदेल, रानरेश माहौर, दीपक तिवारी, प्राण सिंह जाटव करैरा, विश्वरतन फटेले, रवि धाकड़, दामोदर वर्मा, जगदीश सेन, शिशुपाल जाटव, प्रभातगिरी गोस्वामी, राजेश राठौर, राजेश सोनवार व धर्मेन्द्र कुमार सहित करीब आधा सैकड़ा से अधिक अतिथि शिक्षकों ने एक राय होकर अपनी 5 सूत्रीय मांगों को पूर्ण कराने को लेकर कलेक्ट्रेट रोड़ पर रोटरी चौक के सामने धरना प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को पुरजोर तरीके से उठाया।
यहां अतिथि शिक्षकों ने सौंपे गए ज्ञापन में जिन मांगों का उल्लेख किया है उनमें अतिथि शिक्षकों को 12 माह का वेतन एवं 62 वर्ष सेवाकाल प्रदाय किया जावे, प्रशिक्षित अतिथि शिक्षकों की अलग से पात्रता परीक्षा ली जावे एवं गुरूजी की तर्ज पर नियमितीकरण किया जाये, जो अतिथि शिक्षक नई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के कारण बाहर हुए है उन्हें अलग से पद सृजित करके पुन: सेवा में लिया जावे, अतिथि शिक्षक पोर्टल ना चलने के कारण अतिथि शिक्षकों को तमाम विसंगतियों का सामना करना पड़ रहा है अत: पोर्टल को सुचारू ढंग से शुरू किया जावे व अन्य राज्यों उत्तराखण्ड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली आदि की तर्ज पर अतिथि शिक्षकों को 62वर्ष सेवा काल और वेतन में वृद्धि की जावे, साथ ही इसी आधार पर अतिथि शिक्षकों के हित में नीति एवं नियम बनाकर पद स्थायी कर नियमित किया जावे।
इन सभी मांगों को लेकर अतिथि शिक्षकों ने धरना स्थल से रैली निकालते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचकर एडीएम मनोज गरवाल को ज्ञापन सौंपा और अपनी इन मांगों को प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से शीघ्र ध्यानाकर्षण करते हुए मांगें पूर्ण किए जाने की मांग की। अन्यथा की स्थिति में अतिथि शिक्षक अपने आन्दोलन को निरन्तर गति देने को बाध्य होंगें।
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