हम स्वच्छता को अपनाकर अनेक बीमारियों से मुक्ति पा सकते हैं अतुल त्रिवेदी संभागीय समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन यूनिसेफशिवपुरी। 14 नवंबर का दिनए जिसे हम बाल दिवस के रूप में जानते हैं। हर साल भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जयंती के मौके पर बाल दिवस मनाया जाता है। बच्चे प्यार से उन्हें चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे। इसलिए इस दिन का बच्चों के लिए खासा महत्व होता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू को इस दिन श्रद्धांजलि दी जाती है और इस दिन उनकी याद में कई तरह के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।
इसी तारतम्य में शक्तिशाली महिला संगठन समिति द्वारा आदिवासी ग्राम चितौरी खुर्द में एक सैकड़ा आदिवासी बच्चों के साथ स्वच्छता एवं डांस प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसके की मुख्य अतिथि यूनिसेफ के संभागीय समन्वयक अतुल त्रिवेदी जिन्होंने की बच्चों के डांस को देखकर कहा कि ऐसी प्रतिभाएं जो बिना किसी प्रशिक्षण के इतना अच्छा डांस कर रहे हैं गजब है असली भारत और असली टैलेंट सच में गांव में ही बसता है उन्होंने बाल दिवस की सभी को शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम संयोजक रवि गोयल ने कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों को स्वच्छता प्रतियोगिता में भाग लेने पर शुभकामनाएं दी और बाल दिवस के उपलक्ष में सभी को यह संकल्प कराया कि हम कुछ भी हो साफ सफाई से रहेंगे और अपने गांव को और अपने घर को स्वच्छ रखेंगे आज स्वच्छता प्रतियोगिता में संजना आदिवासी और हिना आदिवासी दोनों ही एक ही समुदाय की हैं लेकिन हिना आदिवासी रोज नहाती है अच्छे से तेल लगाती है बाल बनाती है तो उसको स्वच्छता प्रतियोगिता का विनर घोषित किया गया अतिथियों द्वारा कार्यक्रम में विजेता प्रतिभागियों को क्रोटन का पौधा दिया गया।
प्रोग्राम में 21 बच्चों को सर्दी से बचने के लिए गर्म सूट प्रदान किए गए। प्रोग्राम में अतुल त्रिवेदी संभागीय समन्वयक यूनिसेफए न्यूट्रीशन चैम्पियन सोनम शर्माए गांव की महिलाएं किशोरी बालिका एक सैकड़ा बच्चे एवं शक्तिशाली महिला संगठन की पूरी टीम उपस्थित थी
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