श्रीमद् भागवत कथा में ज्ञान, शांति और प्रेम का दिया संदेशशिवपुरी-जिले के अमोलपठा ग्राम पारागढ़ में चल रही भागवत कथा में चल रही में कथा के पांचवे दिन कथावाचक पंडित राम निवास शास्त्री द्वारा भगवान श्रीकृष्ण का अवतार मानव मात्र को ज्ञान, शांति और प्रेम का उपदेश दिया है। भगवान श्रीकृष्ण की प्रत्येक लीला में रहस्य छुपा हुआ है, भगवान में अपनी बृज वृंदावन लीलाओं में प्राकृतिक पर्यावरण नदियों और पहाड़ों की रक्षा करने का संदेश दिया और समाज में व्याप्त भेदभाव के स्थान पर परस्पर प्रेम, सहयोग और समानता का भाव प्रकट किया है, चाहे वह गौचरण लीला हो या माखन चोरी लीला हो या रासलीला हो के द्वारा भगवान श्रीकृष्ण ने जीवमात्र के लिए समर्पण का संदेश दिया है।
भगवान ने अपनी वृंदावन लीला में अनेक असुरों का संहार कर संदेश दिया। कथावाचक श्री शास्त्री ने कहा कि बुराई चाहे कितनी ताकतवर हो लेकिन अच्छाई के आगे उसे पराजित होना पड़ता है। कथा में गोपी उद्भव संदेश द्वारा विशुद्ध प्रेम का संदेश दिया गया, वह रुकमणी विभाग बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। कथा प्रसंग के दौरान श्रद्धालुजन नृत्य कर ईश्वर भक्ति कर रहे है। श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दौर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं।
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