सागर। न्यायालय- श्रीमान दीपक आर्य, जिला दंडाधिकारी महोदय, सागर के न्यायालय द्वारा आरोपी पवन पिता मिट्ठू चढार उम्र 30 साल निवासी गौरझामर जिला सागर को सागर एवं समीपवर्ती जिले की राजस्व सीमा से 06 माह की अवधि के लिए जिला बदर का आदेश पारित किया गया।
सहा. जिला अभियोजन अधिकारी अमित कुमार जैन ने बताया कि श्रीमान जिला दंडाधिकारी महोदय के समक्ष पुलिस अधीक्षक सागर द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया जिसमें आरोपी पवन चढार निवासी गौरझामर, तहसील देवरी जिला सागर का मूल निवासी होकर लम्बे समय से आपराधिक गतिविधियों में संलग्न है, आरोपी जुआ खेलना, अबैध शराब बेचना, मारपीट कर जान से मारने की धमकी देना जैसी आपराधिक गतिविधियों में निरंतर लिप्त रहा है जिसके विरूद्ध वर्ष 2013 से 05 प्रकरण पंजीबद्ध हुए है।
अपराध क्रमांक 288/2013 एवं 86/2021 में धारा 13 जुआ एक्ट, अपराध क्रमांक 62/2014 धारा 294,323,506,34 भादवि और अपराध क्रमांक 278/2017 एवं 39/2020 में धारा 34(2) आवकारी एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है। जिससे आम जनता में इसका भय एवं आतंक का वातावरण बना हुआ है। आरोपी 2013 से लगातार आपराधिक गतिविधियों में लिप्त है।
माननीय जिला दंडाधिकारी महोदय के न्यायालय द्वारा म.प्र. राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 3/5 के अंतर्गत आरोपी पवन चढार के संबंध में प्रस्तुत प्रतिवेदन पर कार्यवाही करते हुए आरोपी पवन चढार को जिला सागर एवं समपवर्ती जिला दमोह, छतरपुर, रायसेन, नरसिंहपुर, विदिशा, अशोकनगर एवं टीकमगढ़ जिले की राजस्व सीमा से 06 माह की अवधि के लिए बाहर जाने का आदेश पारित किया गया।
- घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादी ग्राम कुडारी का निवासी है एवं ड्राइवरी का काम करता है दिनांक 10.07.2013 को रात करीब 9 बजे फरियादी क्रेषर पर था तभी आरोपी लीलाधर सौर आया और गंदी-गंदी गालियां देने लगा, फरियादी ने गाली देने से मना किया तो आरोपी लीलाधर उसके साथ मारपीट करने लगा तभी अन्य आरोपीगण किषोरी एवं धनीराम आ गए और वह भी गालियां देने लगे एवं जाते जाते धमकी दी कि अगर रिपोर्ट करने गये तो जान से खत्म कर देेगें।
- उक्त घटना की रिपोर्ट फरियादी ने थाना केन्ट में दर्ज कराई। थाना केन्ट में प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। अभियोजन द्वारा प्रकरण में अभियोजन साक्षियों को परीक्षित कराया व अन्य साक्ष्य को सूक्ष्मता से प्रस्तुत किया गया एवं महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत किये गये। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी धनीराम पिता नत्थू आदिवासी उम्र 40 साल को धारा 294 एवं 506(2) भादवि में दोषी पाते हुए 20-20 दिवस के कारावास से दंडित किया गया।
- नोट- प्रकरण में अन्य 02 आरोपीगण लीलाधर आदिवासी एवं किषोरी आदिवासी पूर्व से फरार है।
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