मामला वर्ष 2015 में फरियादी को ही आरोपी बनाकर जेल भेजने के बाद अब जेएमएफसी न्यायालय की ली शरणशिवपुरी-वर्ष 2015 में पोहरी थाने में पदस्थ एएसआई के द्वारा फरियादी के साथ घर में घुसकर मारपीट करने को लेकर शिकायत दर्ज करने के बजाए उल्टा फरियादी को ही आरोपी बनाकर धारा 353 का अपराध पंजीबद्ध कर जेल भेज दिया गया। जब वह जेल से बाहर आया तो अपने साथ हुए घटनाक्रम को लेकर एसपी से भी शिकायत की लेकिन जब किसी ने नहीं सुनी तो मामले को लेकर जेएमएफसी न्यायालय पोहरी के माध्यम से संबंधितों के विरूद्ध अब पुलिस में विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया।
प्राप्त समाचार के अनुसार फरियादी पवन पुत्र शंभू रावत निवासी बैराड़ द्वारा अभियुक्त देवेंद्र श्रीवास्तव, विवेक श्रीवास्तव, गौरव श्रीवास्तव, हाकिम सैन के विरुद्ध गद्यांश 04/10/2015 को घर में घुसकर मारपीट करने की रिपोर्ट लिखाने गया परंतु थाना बैराड़ में पदस्थ ए.एस.आई. केपी शर्मा द्वारा फरियादी की रिपोर्ट नहीं लिखी गई बल्कि फरियादी पवन रावत के विरूद्ध धारा 353 का झूठा प्रकरण कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया, गिरफ्तारी के दौरान पवन रावत से एक मोबाइल एवं 15 सो रुपए जमा तलाशी के दौरान अपने पास रख लिए, पवन रावत की जेल से रिहा होने के बाद दिनांक 20/10/2015 को उक्त घटना के संबंध में पुलिस अधीक्षक शिवपुरी को जनसुनवाई में प्रिया जी ने आवेदन पत्र प्रस्तुत किया
परंतु वहां पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई तदोपरांत मजबूरन फरियादी पवन रावत ने जेएमएफसी न्यायालय पोहरी में शरण लेकर परिवाद प्रस्तुत किया। जेएमएफसी न्यायालय के न्यायाधीश माननीय श्रीमती निधि नीलेश श्रीवास्तव पोहरी द्वारा जांच उपरांत दिनांक 25/09/2021 को संज्ञान लेते हुए देवेंद्र श्रीवास्तव, विवेक श्रीवास्तव, गौरव श्रीवास्तव एवं हाकिम सैन के विरूद्ध प्रकरण क्रमांक 398/2019 ई.फो. के अंतर्गत धारा 452,325 323,120 आईपीसी एवं एएसआई केपी शर्मा के विरुद्ध धारा 166/379,120 आईपीसी का अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया। फरियादी पवन रावत की ओर से पैरवी अभिभाषक जैड अली द्वारा की गई।
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