शिवपुरी-पिछोर के स्थानीय कन्या उमा विद्यालय में बाल श्रम निषेध अधिनियम, मानव अधिकार, मौलिक कर्तव्य एवं अधिकार नागरिकों के संबंध में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ न्यायाधीश मोहित रघुवंशी द्वारा विद्या की देवी मां सरस्वती का पूजन कर किया गया। मौके पर उपस्थित विद्यालय प्राचार्य धर्मेंद्र पटेरिया ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि छात्राओं को कानून की जानकारी होना चाहिए। ऐसे कार्यक्रम और शिविर कानून से संबंधित जानकारियोंए अपने अधिकार और कर्तव्य की जानकारी हासिल करने का अवसर प्रदान करते हैं जिसका फायदा लेना चाहिए।महिला बाल विकास अधिकारी अरविंद तिवारी ने छात्राओं को बताया कि बाल श्रम अधिनियम के तहत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को मजदूरी आदि श्रम नहीं कराना चाहिए,ऐसा करने वाली नियोक्ता पर दंडात्मक कार्यवाही होती है जबकि घर के काम करना अपराध की श्रेणी में नहीं आता है किसी भी बच्चे के साथ कोई अपराध घटित होता है तो उसे तत्काल 1098 चाइल्ड प्रोटेक्शन नम्बर पर कॉल कर मदद लेनी चाहिए।
बाल श्रम अधिनियम पर विस्तृत जानकारी देते हुए पिछोर सिविल न्यायालय के न्यायाधीश मोहित रघुवंशी ने छात्राओं को बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। लोगों में जागरूकता लाने के लिए विधिक साक्षरता शिविर के आयोजनों में कानून से संबंधित जानकारियां दी जा रही है। 1986 में बाल श्रम कानून आया 2016 मे संशोधन हुआ जिसमें अब 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को व्यवसायिक नियोजन मे लगाता है वह अपराध की श्रेणी मे आता है। अगर पुलिस नहीं सुनती तो आप सीधे न्यायाधीश के पास आवेदन दे सकते हैं। सोच में परिवर्तन तो आ रहा है 2004.2005 के कानून में महिलाओं को जमीन जायदाद में हक मिला है।
देश को आजाद हुए 75 वर्ष हो गए है फिर भी सोच पूरी तरह नहीं बदली हैं। उक्त कार्यक्रम में विद्यालय की अनेक छात्राओं ने अपने करियर और शिक्षा तथा कानून से संबंधित कई प्रश्न सीधे तौर पर न्यायाधीश से पूछे जिनके जवाब न्यायाधीश ने मौके पर दिए। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ अध्यापक संजय भदोरिया द्वारा किया गया और आभार प्रदर्शन एडवोकेट केण्एनण्नायक द्वारा किया गया।
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