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Saturday, October 30, 2021

आदिवासी गांव चिटोरीखुर्द एवं चिटोरा में निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन


आदिवासी गांव चिटोरीखुर्द एवं चिटोरा में निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन जिसमें 150 से अधिक मरीजो की जिला क्षय अधिकारी डा0 आशीष व्यास  द्वारा जांच की गई एवं  20 संदिग्ध मरीजो की खंखार जांच हेतु शिवपुरी रैफर की

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम के द्वारा  50 से अधिक बच्चों की जांच की गई एवं आवश्यक दवाईया दी 

बदलते मौसम और बारिश के मौसम में बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए बच्चों की विशेष सावधानी रखें डॉक्टर नीरज सुमन मेडिकल आफीसर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सतनवाडा

शिवपुरी। अति पिछड़े आदिवासी  बाहुल्य गांम चिटोरीखुर्द एवं चिटोरा में कलेक्टर अक्षय कुमार के मार्गदर्शन एव मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा0 पवन जैन के निर्देशन में  कुपोषित बच्चों के लिए एवं उनकी माताओं के लिए जिससे कि कुपोषित बच्चे की माताए अगर स्वस्थ्य होगी तो उनकी आगे आने वाली सन्तान सुपोषित हो यह ध्यान में रखते हुए दो निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन शक्तिशाली महिला संगठन समिति के द्वारा स्वास्थ्य विभाग के आरबीएसके की टीम , जिला टीबी अधिकारी  डा0 आशीष व्यास के मुख्य देखरेख में महिला एवम् बाल विकास के साथ मिलकर किया गया । 

अधिका जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक रवि गोयल ने बताया कि आज आयोजित किए गए टीबी जांच एवं सामान्य जांच शिविर मे चिटोरीखुर्द में 80 मरीजो की जांच एवं चिटोरा में 70 मरीजो की जांच जिला टीबी अधिकाराी डा0 आशाीष व्यास , डा0 नीरज सुमन, डा0 बृजमोहन के द्वारा कि गई जिसमें की   कुपोषित बच्चों एवं उनकी माताओं को खासतौर से ध्यान में रखते हुए उनका मौके पर वजन, लबांई एवं एमयूएसी लिया गया जिसमे कि कुपोषित बच्चों को विशेष पोषण आहार , मल्टीविटामिन की सीरप एवं आवश्यक दवाईयां प्रदान की गई जो कुपोषित बच्चे आज शिविर में आए थे  उनकी  माताओं में भी खून की कमी के लक्षण एवं कैल्शियम की कमी देखी गई जिनको कि आन दा स्पाॅट आयरन कैल्शियन की 30 गोलियां एक महिने को खाने के लिए प्रदान की ।

 जिससे कि कुपोषित बच्चो की माताए भी स्वस्थ्य हो । आज शिविर में जांच कराने आयी गर्भवती माताओं को भी खासतौर से चारों पूर्व प्रसव जांचे कराने को कहा एवं प्रसव केवल संस्थागत कराने की नसीहत दी। कार्यकम में जिला टीबी अधिकारी डा0 आशाीष व्यास के द्वारा राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन  कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान कि जिसमें कि अगर किसी को भी 15 दिन तक खांसी , बुखार, वजन का कम होना, भूख कम लगना, खांसी में खून आना, छाती में दर्द होना इत्यादि लक्षण होने पर तत्काल नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र में जाए और अपनी खखार की जांच कराए जैसे कि आज 20 ग्रामीणो के खखार के सैम्पल हम जिला टीबी अस्पताल में जाचं के लिए रैफर किए।

 उनमें से रूबी आदिवासी की रिपोर्ट टीबी पॉजिटिव आई उन्होने ग्रामीणो को जागरुक करते हुए कहा कि कम्प्यूटराईज्ड सीबीनेट मशीन से 8000 रुपये तक की जांच निशुल्क कराए। सवसे खासबात यह है कि टीबी बिमारी में व्यक्ति को दवा के साथ साथ पोषण की भी आवश्यकता होती है जिसके लिए सरकार ने निक्षय पोषण योजना के अन्तर्गत 500 रुपये की राशी हर महीने मरीज के खाते में डाले जाते है जिससे कि हम 2025 तक टीबी मुक्त भारत बना सकें। कार्यक्रम मे रवि गोयल ने ग्रामीणो से कहा कि जिले के इतने बड़े शासकीय डाक्टर आपके गांव में आए है आप इनके द्वारा जो भी दवा एवं सलाह दी गई है उसका पालन करे कृपया झोलाछाप के चक्कर में न पड़े नही तो आपका जीवन खतरे में पड़ सकता है।

 इसीलिए संस्था द्वारा हर महीने दूर दराज के क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से यह निशुल्क जांच शिविर आयोजित किए जाते है। आज आयोजित कार्यक्रम मे रुबी आदिवासी काजल आदिवासीस किशोरी बालिकाए अत्याधिक खून की कमी से ग्रसित पाई गई इसके साथ कुपोषित बच्चे की माता सीमा आदिवासी भी खून की कमी से ग्रसित पायी गई जिनको कि मल्टीविटामिन एवं आयरन कैल्शियम की गोलियां  प्रदान की गई । सेक्टर सुपरवाइजर श्रीमति किरण झा ने कहा कि हर महीने बच्चो का वजन कराए एवम आपके यह किशोरी चैम्पियन सोनम शर्मा द्वारा हर घर में पोषण वाटिका लगाई गयी है इन पोषण वाटिकाओं में पालक , तोरई , गाजर, चुकन्दर , रमास , लोकी का उपयोग प्रतिदिन अपने खाने में करे जिससे कि आप तदुरुस्त रह सके।

कार्यक्रम में अक्षय व्लस संस्था की श्रीमती मधुलिका एवं अरविन्द के द्वारा ग्रामीणो को बताया कि जिन परिवारों में टीबी के मरीज है उन परिवारों में घर के अन्य लोगो को टीबी के सक्रमण से बचाने के लिए एक गोली प्रतिदिन 6 माह तक सेवन करना है जिससे कि वह टीबी से बच सके। कार्यक्रम में जिला टीबी अधिकारी  डा0 आशाीष व्यास, रवि गोयल, डा0 नीरज सुमन, डा0 बृज मोहन, पर्यवेक्षक श्रीमती किरन झा , मधुलिका , अरविंद , सोनम शर्मा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता आशा एवं शक्तिशाली महिला संगठन की टीम से मान सिंह, लब कुमार , सुपोषण सखी भूरी आदिवासी एवं ग्रामीण जन उपस्थित थे।

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