वीर सावरकर स्थित निवास पर पहुंचे समाजजनों ने पुष्पवर्षा, फूलमामला और शॉल-श्रीफल भेंट कर किया सम्मानशिवपुरी-सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत के साथ मार्गदर्शन और तय लक्ष्य भी होना चाहिए निश्चित रूप से यदि ध्येय उस लक्ष्य को पाने का है तब आपके प्रयास व्यर्थ नहीं जाऐंगें, वर्ष 2017 से 2020 तक सिविल सिर्विसेज और फॉरेस्ट सर्विस को लेकर एग्जाम दिए लेकिन देखने को मिला कि दो विषय के अतिरिक्त किसी एक को चुनें, जिस पर मुझे पर्यावरण से शुरू से ही लगाव था और ग्रेजुएशन के समय भी मेरा फेवरेट सब्जेक्ट बायो टैक्नोलॉजी था इसलिए वर्ष 2020 में यूपीएससी की परीक्षा देकर फॉरेस्ट सर्विस को चुना और यह सफलता प्राप्त हुई।
यह कहना है कि शहर के वीरसावरकर कॉलोनी में निवासरत शिक्षक अजय जैन-श्रीमती चन्द्रेश जैन के होनहार सुपुत्र गौरव जैन का जिनका चयन यूपीएससी के द्वारा घोषित आईएफएस(इंडियन फॉरेस्ट सर्विस)के परिणाम में ऑल इंडिया में 8वीं जबकि मप्र में टॉप 01 रैंक हासिल कर अंचल शिवपुरी का नाम प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर में रोशन कर दिया है। जब इस परिणाम की जानकारी गौरव व परिजनों को लगी तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रही वहीं जैन समाज में भी हर्ष की लहर व्याप्त रही।
गौरव जैन की इस सफलता को लेकर जैसवाल जैन समाज अध्यक्ष राजेन्द्र जैन, रामदयाल जैन, महेन्द्र जैन भैय्यन, वाल्सल्य संस्था अध्यक्ष दिनेश जैन, महासचिव संजीव जैन, मनीष जैन जूली, माणिक जैन, शैलेष जैन, गोपिन्द्र जैन, मनीष जैन मावा वाले, निर्मल जैन, ऋषभ जैन शिक्षक, अभय कोचेटा, पतंजलि प्रतिष्ठान से तरूण सिंह आदि के द्वारा गौरव व परिजनों पर पुष्प वर्षा करते हुए माल्यार्पण कर शॉल-श्रीफल के साथ परिजनों का सम्मान किया और इस खुशी को सभी के साथ मिलकर बांटा।
इस दौरान गौरव जैन ने बताया कि वह उन्हें उनके शिक्षक पिता अजय जैन का मार्गदर्शन मिला और बताया कि किस प्रकार से पर्यावरण के क्षेत्र में, कोविड के हालातों की उत्पन्नता और बाढ़ जैसी त्रासदी के बीच वाईल्ड लाईफ के लिए यदि काम करना है तो इसके लिए आईएफएस को चुनना है यही वजह है कि यूपीएससी की परीक्षा के लिए दिल्ली में टाईम्स ऑफ इंडिया में ग्लोबल इंडिया सॉफ्टवेयर के तौर पर की जाने वाली नौकरी छोड़कर अपना लक्ष्य आईएफएस को बनाया और अपने चार वर्ष के संघर्ष के दौरान आज जाकर सफलता मिली। गौरव को परिजनों के साथ समाजनों, शुभचिंतकों आदि ने उनके घर पहुंचकर बधाई व शुभकामनाऐं दी है।
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