विवेकानन्द केंद्र के तत्वावधान में आयोजित हुआ व्याख्यान कार्यक्रम
शिवपुरी- स्वामी विवेकानन्द के शिकागो भाषण के ऐतिहासिक स्मृति दिवस के अवसर पर विवेकानन्द केंद्र शिवपुरी इकाई के तत्वावधान में इस दिन को 'विश्व-बंधुत्व दिवस' के रूप में मनाते हुए व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया. व्याख्यान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विवेकानंद केंद्र ग्वालियर के विभाग युवा प्रमुख मुकेश गोस्वामी ने कहा कि शिकागो की विश्वधर्म संसद में विवेकानंद जी ने पूरी दुनिया से आये प्रतिनिधियों के बीच भारत की सनातन संस्कृति और सभ्यता का का गौरवशाली स्वरूप सबके सामने रखते हुए कहा था कि हम सिर्फ सहिष्णुता में ही विश्वास नहीं रखते हैं, बल्कि हम दुनिया के सभी धर्मों के सत्य को स्वीकार करते हैं.
भारत देश की धरती ने दुनिया सभी देशों और धर्मों के परेशान और सताए लोगों को शरण दी है. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रतिष्ठित नेत्र चिकित्सक डॉ.एच.पी. जैन ने विवेकानन्द शिला स्मारक पर बिताए अपने जीवन के प्रेरणास्पद पलों को याद करते हुए कहा कि - विवेकानंद जी केवल 39 वर्ष की आयु में देश, समाज और संस्कृति के लिए अपना ऐसा योगदान देकर हम सबके बीच से विदा हो गए कि आज भी आश्चर्य होता है कि उनका जीवन कितना तप, त्याग और साधना से भरा रहा होगा.
व्याख्यान कार्यक्रम में आईटीबीपी शिवपुरी के असिस्टेंट कमांडेंट डॉ. अशोक अग्रवाल, सेंट्रल बैंक शिवपुरी के बैंक मैनेजर सुनील यादव, इफको के असिस्टेंट मैनेजर आर.के.महोलिया ने भी विवेकानन्द जी और उनके शिकागो के ऐतिहासिक वक्तव्य की आज के संदर्भ में प्रासंगिकता पर अपने विचार साझा किए.
कार्यक्रम के संचालन का दायित्व निभाते हुए प्रोफेसर दिग्विजय सिंह सिकरवार ने कहा कि '11 सितंबर' अर्थात '9/11 के दिन' को 'लादेन' के लिए नहीं, बल्कि 'नरेन्द्र' के लिए याद रखा जाना चाहिए. '9/11' को याद करने के लिए हमारा संदर्भ-बिंदु 'आतंकवाद' नहीं, बल्कि 'सनातन संवाद' होना चाहिए. 9/11 'विध्वंस' के लिए नहीं, बल्कि 'विश्व-बंधुत्व' के लिए याद किया जाना चाहिए.
कार्यक्रम में आभार गोपालकृष्ण सिंघल ने व्यक्त किया. व्याख्यान कार्यक्रम में मुख्यतः राजेश गोयल, हरज्ञान प्रजापति, ओम बंसल, जन अभियान परिषद के ब्लॉक कोर्डिनेटर शिशुपाल सिंह जादौन, मुकेश कर्ण, अजमेर सिंह यादव, राम तिवारी इत्यादि उपस्थित थे.
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