केंद्रीय विद्यालय में हिंदी पखवाड़ाशिवपुरी-दुनिया में तकनीकी शिक्षा के विकास की प्रेरणा स्रोत प्राचीन भारतीय साहित्य है पाणिनी द्वारा लिखित अष्टाध्याई से क्वांटम कंप्यूटर विकसित करने की तकनीकी का विकास हुआ। भारत का प्राचीन साहित्य समृद्ध इससे ज्ञान को ग्रहण करने हेतु अपनी मातृभाषा से जुडऩा बेहद आवश्यक है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि सीखने की प्रक्रिया मां के गर्भ से ही शुरू हो जाती है।
केंद्रीय विद्यालय शिवपुरी के प्रांगण में हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत आयोजित व्याख्यानमाला में मुख्य अतिथि आसन से बोलते हुए हिंदी के प्रमुख साहित्यकार एवं पत्रकार प्रमोद भार्गव ने उक्त विचार व्यक्त करते हुए कहा ऋ ग्वेद दुनिया की सबसे प्राचीन पुस्तक है जिसका अनुवाद मैक्स मूलर ने किया है। हिंदी के साथ किए जा रहे हैं सौतेले व्यवहार पर श्री भार्गव ने कहा के मैकाले ने बड़ी चालाकी से संस्कृत को विस्थापित कर अंग्रेजी हमारे ऊपर थोप दिया।
इसी क्रम में पत्रकार संजीव भांजी ने हिंदी को सम्मान दीवाने हैं अधिक से अधिक हिंदी का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि हिंदी गर्व की भाषा है हिंदी बोलने में हमें कोई संकोच नहीं करना चाहिए। मातृभाषा में बेहतर तरीके से ज्ञान अर्जित किया जा सकता है। कार्यक्रम के प्रारंभ में विद्यालय के प्राचार्य एस के शर्मा ने कार्यक्रम के आयोजन पर प्रकाश डाला एवं अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन मोहन मुरारी मिश्र ने किया।
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