शिवपुरी। इंटरनेशनल डॉटर्स डे के अवसर पर बड़ा गांव में बालिका दिवस मनाया गया। यहां प्रोग्राम समन्वयक शक्ति शाली महिला संगठन रवि गोयल ने बताया कि संस्था द्वारा अंताराष्ट्रीय बालिका दिवस पर बड़ागांव में 25 किशोरी बालिकाओं के साथ मनाया एवं बालिका संवाद कार्यक्रम रखा जिसमें कि निकल कर आया की बालिकाओं ने 8 वी के बाद पढ़ाई छोड़ दी क्योंकि उनके गांव में माध्यमिक तक विद्यालय है। सुपोषण सखी राजकुमारी आदिवासी एवं आंगनवाड़ी सहायिका सुनीता गुर्जर ने गांव की बेटियों को आगे पढऩे पर जोर दिया।
प्रोग्राम में पूजा शर्मा ने बालिकाओं को बालिका दिवस की बधाई इस प्रकार दी। घर में ना हो बेटी तो घर सुना लगता है। हाथों की लकीर बेटियां...उम्मीद की किरण बेटियां...,मां.पिता की आन और शान बेटियां। इस तरह के अनगिनत शब्द और उपमाएं बेटियों के लिए यू हीं नहीं रचे गए हैं। वह माता पिता की मल्लिका हैं, दिल का टुकड़ा हैं। घर की दहलीज पार नहीं करती हैं उनकी खुशियों के लिए हर गम सह लेती हैं।
इन्हें लक्ष्मी का वरदान और सरस्वती का मान ऐसे ही नहीं कहते। बालिकाओं में मुस्कान गुर्जर, आरती गुर्जर, मोनिका गुर्जर, अनुष्का गुर्जर, बरखा आदिवासी, शीतल आदिवासी, अमृत आदिवासी, भारती गुर्जर, रुकमणी आदिवासी, रानी आदिवासी, रामवती आदिवासी, सलोनी आदिवासी, राजवती आदिवासी, चंद्रमुखी आदिवासी, सविता आदिवासी, रश्मि आदिवासी, बंदना आदिवासी, कल्लू आदिवासी, सजना आदिवासी, सोनम आदिवासी, पूनम आदिवासी, राजकुमारी आदिवासी सुपोषण सखी, सुनीता गुर्जर साहियाका ने भाग लिया।
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