पोहरीः- प्रदेश सहित अंचल मे बिगत अप्रैल माह से मई माह तक कोराना महमारी का भयंकर प्रकोप रहा जिसके चलते शासन द्वारा सभी जगह कोरोना कर्फयू लागू कर दिया जिसके चलते लोगो की दैनिक स्थिति डगमगा गई। एसे में इस महामारी के दौरान विकास संबाद समिति द्वारा इन 15 गांवो मे समुदाय आधारित कुपोषण प्रवधन परियोजना का संचालन क्राई नईदिल्ली के सहयोग से बिगत 5 बर्षाे से किया जा रहा हैं इस बिषम परिस्थिति मे गंूज नईदिल्ली भी सहयोग के लिए सामने आयी।
जहां कोरोना योद्वाओ के तौर पर समिति के सदस्यो द्वारा निरंतर जरूरतमंदो की मदद की। एसे मे इन दिनो बिकास संबाद समिमि के तत्वाधान मे अजय यादव द्वारा प्रशासन से समन्वय बनाकर क्षेत्र के 15 गांवो मे पोषण राहत किट सामाग्री का वितरण गूंज नईदिल्ली के सहयोग के कराया जा रहा है।
जहां इन दिनो पोहरी एसडीएम जेपी गुप्ता एवं परियोजना अधिकारी नीरज गुर्जर की उपस्थिति मे पोहरी क्षेत्र के सोनीपुरा,मचाखुर्द,जटवारा,ग्वालीपुरा,जाखनौद आमई,बटकाखेडी,पटपरी टपरपुरा नोन्हेटाखुर्द मेहरा रामपुरा डांगवर्वे मडखेडा मे गर्भवती,धात्री व कुपोषिेत बच्चो को पोषण राहत किट सामाग्री वितरित की जा रही है जिसमे प्रथम चरण मे 300 परिवारो को चिन्हित कर सामाग्री वितरित की जा रही है।
कुपोषण प्रबंधन पर आधारित परियोजना के संचालन मे जुटी विकास संबाद
शिवपुरी जिले के पोहरी विकास खण्ड के आदिवासी बाहुश्ल्य क्षेत्रो मे कई बच्चे कुपोषण का शिकार है। जिसका सर्बे कार्य विकास संबाद समिति ने महिला बाल विकास विभाग के साथ समन्वय बनाकर किया गया जिसके बाद समिति के सदस्यो द्वारा कुपोषण को मिटाने हेतु समुदाय आधारित परियोजना का संचालन किया जिसके तहत गांव-गांव पहुंच लोगो तक कुपोषण प्रबंधन के उपाय,योजनाओ के बेहजर संचालन और समुदाय मे जागरूकता जैसे कदम उठाये। जिसके बाद क्षेत्र मे बदलाव नजर आया।
मजदूरी के लिए पलायन से कुपोषण मे हुआ इजाफ।
शासन द्वारा मनरेगा के तहत गंांव-गांव मजदूरी के अवसर निकाले जा रहे है लेकिन ज्यादा मजदूरी के लालच मे गांव मे मजदूरी न करते हुये अन्य प्रदेशो मे मजदूरी के लिये पलायन करते है जहां संतुलित आहर और नियमित पोषण आहर से बच्चे बंचित रह जाते है जिसके चलते वह मौसमी बीमारियो की चपैट मे आकर कुपोषित हो जाते है। बही दूसरी ओर आज भी आदिवासी बस्तीओ मे लोग अपने बच्चो को एनआरसी सेंटर तक मे भर्ती कराने से कतराते है। एसे मे बिकास संवाद समिति द्वारा गांव-गांव मे लोगो को जागरूक कर उन्हे समझाइस दी जा रही है कि कुपोषण को मिटाने के लिये परिवार सजग हो और बच्चो को नियमित संतुलित आहर दे।
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