ऑक्सीजन सिलेण्डर तो प्रदाय कर रहे लेकिन ऑक्सीफ्लो मीटर ना होने से परेशान हैं मरीजशिवपुरी-एक ओर जहां कोरोना संक्रमण काल चल रहा है तो दूसरी ओर इस संक्रमण के दौर में तो जैसे इंसानियत ही मृतप्राय: हो गई है यह हालात इसलिए हो रहे है क्योंकि यह वही इंसान है जो विभिन्न प्रकार के मेडीकल उपकरणों की बिक्री अपने मेडीकल दुकान से विक्रय करते है लेकिन वर्तमान समय में जो ऑक्सीजन सिलेण्डर हमारे द्वारा खाली लेकर मरीजों व उनके परिजनों और अस्पताल में नि:शुल्क पहुंचाए जा रहे है वहां अब कई मरीज अपने घरों में ऑक्सीजन सिलेण्डर के प्रयोग में आने वाले ऑक्सीफ्लो मीटर ना होने के कारण वह परेशान है
और जब बाजार में इसे तलाशा गया तो कई मेडीकल विक्रेता इस चिकित्सकीय उपकरण की सरेआम कालाबाजारी कर रहे है जहां 1000-1200 रूपये कीमत का यह ऑक्सीफ्लो मीटर बाजार में अब आज के समय में 3 से 4 हजार रूपये की राशि में उपलब्ध हो रहा है। ऐसे में इस अंधेर कालाबाजारी की रोकथाम के लिए जिला प्रशाासन को कदम उठाना चाहिए और ऐसे सभी मेडीकल विक्रेता जहां इसका स्टॉक है उसकी पहचान की जाए और यह मरीजों को सरल-सहज न्यूनतम राशि में उपलब्ध कराया जावे। उक्त मांग की जनपद सदस्य अमित शिवहरे ने जिन्होंने मीडिया के माध्यम से जिला प्रशासन से वर्तमान समय में ऑक्सीफ्लो मीटर की होने वाली कालाबाजारी की रोकथाम को लेकर उचित कदम उठाए जाने की मांग की है।
यह हालात उन्होंने तब समझे जब स्वयं जनपद सदस्य अमित शिवहरे के द्वारा शहर के अनेकों स्थानों पर अपनी ओर से खाली ऑक्सीजन सिलेण्डर लेकर उन्हें अपनी ओर से भरकर नि:शुल्क मरीज व उसके परिजनों और कई अस्पतालों में प्रदाय किए जा रहे है। अमित शिवहरे का कहना है कि वह ऑक्सीजन सिलेण्डर प्रदाय करने के लिए तैयार तो हैं लेकिन अब कई मरीज ऐसे है जो अस्पताल व मेडीकल से स्वस्थ होकर अपने घरों में ऑक्सीजन सिलेण्डर की आवश्यकता चाहते है ऐसेे में मरीजों के लिए हमारे द्वारा सिलेण्डर तो उपलब्ध कराया जा रहा परन्तु उन पर ऑक्सीजन सिलेण्डर में प्रयुक्त होने वाला ऑक्सीफ्लो मीटर उपकरण नहीं है
और यदि वह बाजार से इसे खरीदते है तो इसक दो गुनी से चौगुनी तक कीमत चुकानी पड़ रही है। इन हालातों में ऐसे मेडीकल विक्रेताओं से भी अमित शिवहरे ने इंसानियत के नाम अपना धर्म निभाने की अपील की है कि वह जो राशि है उसी राशि में इस चिकित्सकीय उपकरण की बिक्री करें। वहीं जिला प्रशासन से भी इस मामले में हस्क्षेप की मांग की गई है।
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