प्रायवेट अस्पतालों में भर्ती कोरोना रोगियों के उपचार की जानी व्यवस्थाएं
शिवपुरी-निजी अस्पतालों में भर्ती कोरोना पोजेटिव रोगियों के उपचार की व्यवस्थाएं जानने के लिए अस्पताल प्रबंधन के साथ बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें चिकित्सालयों में भर्ती रोगियों की संख्या, उपचार, ऑक्सीजन, रेमेडिसीवीर इंजेक्शन तथा आक्सीजन उपलब्धता के लिए स्व निर्भरता जैसे बिन्दुओं पर चर्चा की गई।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ए.एल.शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि गंभीर कोविड रोगियो का उपचार शासकीय मेडीकल कालेजए जिला चिकित्सालय सहित स्वीकृति प्राप्त प्रायवेट अस्पतालों में चल रहा है। अस्पतालों में भर्ती रोगियों की निगरानी के लिए प्रतिदिन रिपोटिंग के माध्यम से भर्ती मरीज की संख्या, आक्सीजन की उपलब्धता जैसे बिषयों पर सतत निगरानी रखी जा रही है, लेकिन कोविड रोगियों के उपचार पर अस्पताल प्रबंधन के साथ बेहतर समन्वय के लिए बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में जिला प्रशासन की ओर से प्रतिनिधित्व डिप्टी कलेक्टर मनोज गरबाल ने किया तथा स्वास्थ्य विभाग की ओर से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.ए.एल.शर्मा ने बिन्दुबार जानकारी ली।
बैठक में निजी अस्पताल प्रबंधकों से रेमेडिसीवीर इजेंक्शन पर चर्चा करते मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि कुछ अस्पताल इजेक्शन स्वीकृत करने के लिए तय फारमेट में बार-बार परिवर्तन कर देते हैं। इससे रोगी को पूर्व में लगे इजेक्शन, रोगी की भर्ती दिनांक आदि जानकारी ठीक से प्राप्त नही हो पाती, इसलिए पूर्व से तय फारमेट में परिवर्तन न किया जाए। आक्सीजन की आपूर्ती रोगियों की गंभीरता एवं आवश्यकता के अनुरूप पूर्व से सुनिश्चित की जाए तथा आक्सीजन पर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में निजी अस्पताल आगे बढे। बैठक में निजी अस्पताल प्रबंधकों ने भी अपनी समस्याएं पर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ध्यान आकृष्ट किया तथा सिलेंडर के स्थान पर आक्सीजन कंसल्ट्रेटर लगाने पर सहमति दी, वहीं सिद्धि विनायक हॉस्पीटल द्वारा हॉस्पीटल में एएसयू यूनिट शीघ्र प्रारंभ करने की बात कहीं।
आरएमपी चिकित्सकों को किया कोविड उपचार के लिए प्रशिक्षित
नरबर, कोलारस, पिछोर, खनियाधांना ब्लाक के चिकित्सक हुए प्रशिक्षित
शिवपुरी-जिले में कोविड-19 के फैलते संक्रमण को रोकने के लिए स्वास्थ्य महकमा पूरी मुस्तैदी के साथ कोविड पोजेटिव रोगियों के उपचार में जुटा हुआ है वहीं कोविड के संक्रमण को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उसी क्रम में आज नरबर, कोलारस, पिछोर,खनियाधांना विकास खण्ड के आरएमपी चिकित्सकों को कोविड-19 के लक्षण एवं उपचार पर विडियों कान्फ्रैंस के माध्यम से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एएल शर्मा द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें दो दर्जन से अधिक चिकित्सकों ने सहभागिता की।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा.ए.एल.शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए यह बहुत जरूरी है कि संक्रमित रोगी को घूमने से रोका जाए। प्राय: देखने में आ रहा है कि कोरोना रोग के प्राथमिक लक्षण सर्दी, जुकाम व बुखार से पीडि़त से ग्रसित व्यक्ति आरएमपी चिकित्सकों से उपचार कराने पहुंच रहे हैं। ऐसे इन चिकित्सकों को कोरोना के वर्तमान में परिलक्षित हो रहे लक्षण व शासन द्वारा दी गई गाइड लाइन के अनुसार उपचार के संबंध में जानकारी दी जाना बहुत आवश्यक थी।
जिससे कोरोना पोजेटिव रोगी की शीघ्र पहचान कर उपचार प्रदान किया जा सके। डा.ए.एल.शर्मा ने बताया कि नान सिमट्रोमैटिक कोरोना पोजेटिव रोगियों का उपचार आरएमपी चिकित्सक भी रोगी को होम क्वारंटाइन कर प्रदान कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जारी गाईड लाईन के अनुसार परीक्षणए सूचना दी जाना अनिवार्य है।
विडियों कान्फ्रैंस के माध्यम से आज आयोजित प्रशिक्षण में नरबर, कोलारस, पिछोर, खनियाधांना विकास खण्ड के चिकित्सकों ने खुलकर रोगियों के उपचार के संबंध में अपनी बात रखी वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से डॉ.ए.एल.शर्मा ने सभी से कोरोना से किसी भी व्यक्ति के संक्रमित होने की संभावना पर खण्डचिकित्सा अधिकारी सहित 1075 पर सूचना प्रदान करने की बात की। प्रशिक्षण में प्रायवेट चिकित्सकों ने भी स्वास्थ्य विभाग के हर निर्देश का पालन करने का भरोसा जताया।
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