शिवपुरी। MTP (चिकित्सकीय गर्भपात समापन) अधिनियम1971 संशोधन अधिनियम 2002 के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय समिति की पहली बैठक का आयोजन सीएमएचओ कार्यालय में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ए एल शर्मा की अध्यक्षता में हुई| एमटीपी एक्ट महिलाओं को सुरक्षित गर्भपात समापन उपलब्ध कराने का अधिकार देता है |यह सेवा सरकारी अस्पतालों मैं निशुल्क एवं मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में भी सशुल्क उपलब्ध रहती है| सुरक्षित गर्भपात सेवाएं स्त्री रोग विशेषज्ञ या प्रशिक्षित चिकित्सक ही दे सकता है| बैठक में सदस्यों को एमटीपी अधिनियम से अवगत कराया गया|
निजी चिकित्सालय को पंजीयन के लिए आमंत्रण के संदर्भ में निर्णय लिया गया| गर्भपात संबंधी सेवाओं की उपलब्धता के लिए जिले प्रत्येक विकासखंड में कम से कम एक संस्था पर प्रशिक्षित चिकित्सक की उपलब्धता सुनिश्चित करने के बारे में चर्चा हुई| राज्य शासन के फरवरी माह 2021 में जारी निर्देशों के तहत पहली डीएलसी समिति की बैठक आयोजित हुई जिसमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर ए एल शर्मा, स्त्री रोग चिकित्सक डॉ नीरजा शर्मा, रिटायर्ड मेडिकल ऑफिसर नेत्र चिकित्सक डॉक्टर एस के पौराणिक, शक्तिशाली महिला संगठन के डायरेक्टर श्री रवि गोयल, जिला स्वास्थ्य अधिकारी-1डॉ एमएस चौहान DHO-2 डॉक्टर गुप्ता जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री शीतल व्यास, एवं जिला M&E अधिकारी जिनेंद्र जैन उपस्थित थे|
बैठक का समन्वय एवं संचालन विवेक जैन उप क्षेत्रीय समन्वयक चाय(Clinton Health Access Initiative) के द्वारा किया गया| साथ ही 3 सदस्य समिति के गठन का भी निर्णय लिया गया जो समय-समय पर एक साथ जाकर एमटीपी की सेवाओं के संदर्भ में प्राइवेट एवं शासकीय चिकित्सालय में निरीक्षण भी करेंगे| गर्भपात संबंधी दवाई मेडिकल स्टोर से बिना प्रशिक्षित चिकित्सक के पर्चे के ना दी जाए इसके संबंध में भी पत्र जारी करने के विषय में निर्णय लिया गया|
गर्भपात समापन उपलब्ध कराने का अधिकार देता है |यह सेवा सरकारी अस्पतालों मैं निशुल्क एवं मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में भी सशुल्क उपलब्ध रहती है| सुरक्षित गर्भपात सेवाएं स्त्री रोग विशेषज्ञ या प्रशिक्षित चिकित्सक ही दे सकता है| बैठक में सदस्यों को एमटीपी अधिनियम से अवगत कराया गया| निजी चिकित्सालय को पंजीयन के लिए आमंत्रण के संदर्भ में निर्णय लिया गया| गर्भपात संबंधी सेवाओं की उपलब्धता के लिए जिले प्रत्येक विकासखंड में कम से कम एक संस्था पर प्रशिक्षित चिकित्सक की उपलब्धता सुनिश्चित करने के बारे में चर्चा हुई|
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