एसपी के हस्तक्षेप से मामला हुआ शांत, पुलिस को मांगनी पड़ी माफी, विरोध में एकाएक गिरे मेडीकल दुकानों के शटरशिवपुरी- श्निवार के रोज कोरोना काल में संचालित प्रतिष्ठित मोहन मेडीकल स्टोर पर एसडीएम अरविन्द वाजपेयी के साथ मिलकर यातायात प्रभारी रणवीर यादव ने आनन फानन में दुकान संचालक पर कोरोना नियमों का उल्लंघन मानकर ना केवल मेडीकल दुकान ही बंद करा दी बल्कि दुकान की चाबी भी अपने साथ लेकर चलते बने। इस घटनाक्रम से आहत दुकान संचालक मोहन गुप्ता के द्वारा सोशल मीडिया और मोबाईल के माध्यम से जिला प्रशासन और मेडीकल एसोसिएशन को बताया गया तो आनन फानन में मेडीकल दुकानों के एकाएक शटर गिरना शुरू हो गए। मेडीकल संचालकों का यह विरोध देख मौके पर ही एसडीओपी सुधीर सिंह कुशवाह व टीआई कोतवाली बादाम सिंह यादव पहुंचे और मेडीकल संचालक मोहन गुप्ता से माफी मांगते हुए नजर आए वहीं पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल के हस्तक्षेप से यह मामला शात हुआ।
मेडीकल और पुलिस व प्रशासन को समन्वय बनाकर है चलना
देखा जाए तो मेडीकल संचालक, जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के सहयोग से समन्वय बनाकर अपने प्रतिष्ठान इसलिए संचालित कर रहे है ताकि आमजन को मेडीकल सामग्री के लिए इधर-उधर ना भटकना पड़े। इसी के चलते शहर के अधिकांश मेडीकल दुकानों पर कई बार भीड़ भी लग जाती है जिस पर दुकान संचालक तो अपनी दुकान में रहकर मेडीकल की दवा देता है लेकिन लोगों की अधिक भीड़ होने के कारण कई बार यातायात प्रभारी रणवीर यादव और एसडीएम अरविन्द वाजपेयी को यह नागवार गुजरा जिसके चलते उन्होंने मोहन मेडीकल को अपना निशाना बनाया और दुकान संचालक पर एकाएक कार्यवाही कर दी। लेकिन पुलिस और प्रशासन को यह पता नहीं था कि यह शहर की प्रतिष्ठित मेडीकल दुकान है जहां प्रशासन यदि कार्यवाही करेगा तो उसे अन्य मेडीकल संचालकों के विरोध का सामना करना पड़ेगा और यही प्रशासन व पुलिस को भारी पड़ गया जिसके चलते पुलिस विभाग के अधिकारियों ने ही माफी मांगकर अपने किए गए कार्य पर पछतावा किया और मामले को शांत किया।
हम सम्मान चाहते है पुलिस का अपमान नहीं : मेडीकल संचालक मोहन गुप्ता
मेडीकल संचालक मोहन गुप्ता का कहना है कि हम पुलिस का हमेशा सम्मान करते पुलिस का दायित्व होना चाहिए कि वह भी हमें सम्मान दें, हमने आम जनता के लिए मेडीकल की दुकान संचालित की है और इन हालातों में यदि हमारा ही अपमान पुलिस व प्रशासन करें, तो फिर न्याय की आस किससे होगी। इन हालातों को लेकर संबंधित जिम्मेदारों को पहले यह समझना चाहिए कि वह कोरोना काल के समय किसे अपना निशाना बना रहे है। इस तरह मुखर अंदाज में मोहन गुप्ता मोहन मेडीकल संचालक ने यह बात कही जिस पर उन्होंने एक बार फिर कहा कि हम सम्मान चाहते है पुलिस के द्वारा दिए जाने वाला अपमान नहीं, यही कारण है कि पुलिस-प्रशासन की इस कार्यवाही को लेकर समस्त मेडीकल संचालकों में विरोध के स्वर फुटे और सभी दुकान संचालकों ने दुकानें बंद कर दी।
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