होलिका दहन पर नहीं होगा भद्रा का सायाशिवपुरी-इस बार 28 मार्च रविवार को होलिका दहन होगा और 29 मार्च सोमवार को लोग एक दूसरे को रंग एवं गुलाल लगाएंगे। होली के त्यौहार को लेकर पं.लक्ष्मीकांत शर्मा मंशापूर्ण मंदिर शिवपुरी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार होलिका दहन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग में किया जाएगा, इस बार 28 मार्च को दिन में 1:51 तक भद्रा है इसलिए इस बार होलिका दहन पर भद्रा का साया भी नहीं रहेगा ऐसे में लोग प्रदोष काल यानी शाम ढलने के साथ ही होलिका दहन कर सकेंगे।
होलिका दहन के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त
शाम को 6:49 से 9:13 तक अति श्रेष्ठ मुहूर्त है और पूर्णिमा तिथि रात्रि में 12:17 तक होने से होलिका दहन किया जा सकता है शुभ मुहूर्त में होलिका दहन करना चाहिए, इस दिन सभी प्रकार की बुराईयों का त्याग करना चाहिए यह पर्व बुराईयों को त्याग कर जीवन में अच्छी चीजों को अपनाने का पर्व है, हमसे जाने अंजाने में जो गलतियां होती है उनके लिए भगवान से क्षमा याचना करते हुए भविष्य में नेक कार्य करने की क्षमता प्रदान करने का आर्शीवाद प्राप्त करते हैं होलिका का विधि पूर्वक पूजन करना चाहिए और भगवान नरसिंह की पूजा करनी चाहिए।
क्यों किया जाता है होलिका दहन
पं.लक्ष्मीकांत शर्मा के अनुसार दानवराज हिरण्यकश्यप ने जब देखा कि उसका पुत्र प्रह्लाद सिवाय विष्णु भगवान के किसी अन्य को नहीं भजता तो वह क्रोधित हो उठे और उन्होंने अपनी बहन होलिका को आदेश दिया की वह प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ जाए, क्योंकि होलिका को वरदान प्राप्त था कि उसे अग्नि नुकसान नहीं पहुंचा सकती, किन्तु हुआ इसके ठीक विपरीत, होलिका जलकर भस्म हो गई और भक्त प्रह्लाद को कुछ भी नहीं हुआ। इसी घटना की याद में इस दिन होलिका दहन करने का विधान है। होली का पर्व संदेश देता है कि इसी प्रकार ईश्वर अपने अनन्य भक्तों की रक्षा के लिए सदा उपस्थित रहते हैं।
No comments:
Post a Comment