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Tuesday, March 9, 2021

सागर/ पैसों के लेन-देन पर से हत्या कारित करेन वाले आरोपी को आजीवन कारावास एवं अर्थदण्ड से दंडित


सागर।
न्यायालय-श्रीमान पंकज यादव चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश सागर के न्यायालय द्वारा आरोपी आषीष सिंह पिता सुरेन्द्र कुमार जाट उम्र 30 वर्ष निवासी शांति विहार कॉलोनी थाना मकरोनिया जिला सागर को दोषी पाते हुए धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं 10000 रूप्ये के अर्थदण्ड, धारा 201 भादवि में 02 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 रूपए के अर्थदण्ड, धारा 25(1-बी) आर्म्स एक्ट में 02 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000 रूपए अर्थदण्ड और धारा 27 आर्म्स एक्ट में 03 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। राज्य शासन की ओर से उप-संचालक(अभियोजन) श्री अनिल कटारे ने शासन का पक्ष रखा।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 12.11.2018 को शांम करीब 07 बजे थाना केन्ट को फोन से सूचना प्राप्त हुई कि रेल्वे स्टेषन रोड टपरियों के पास सफेद रंग की कार खडी है जिसमें सीटों के बीच एक व्यक्ति फसा है। उक्त सूचना की तस्दीक हेतु बताये स्थान पर थाना केन्ट स्टाफ पहुंचा और कार मालिक को सूचना दी जो मालिक द्वारा उक्त व्यक्ति की पहचान संकेत उर्फ सचिन गुप्ता पिता निहालचंद गुप्ता उम्र 23 साल के रूप में की। जिसे परिजनों द्वारा इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया जिसे वहां डॉक्टर ने मृत होना बताया एवं पी.एम. रिपोर्ट में गन शॉट से आई चोट के कारण मृत्यू कारित होना बताया। थाना केन्ट ने अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध अपराध धारा 302, 201, भादवि एवं 25, 27 आर्म्स एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान परिजनों ने मृतक सचिन गुप्ता का आरोपी आषीष कुमार सिंह के साथ भोपाल जाना बताया। संदेही आषीष कुमार की तलास की जो दस्तयाव हुआ जिससे पूछताछ करने पर उसने बताया कि पैसे के लेन-देन पर से अपनी पिस्टलनुमा हथियार से मृतक सचिन गुप्ता को गोली मार कर हत्या की एवं साक्ष्य छिपाने की नियत से शव को गाडी की दोनों सीटों में छिपा देना बताया गया।

 मामले की विवेचना के दौरान साक्ष्य संकलित की गयी जिसमें सी.सी.टी.व्ही. फुटेज, चैक की डिटेल, मोबाइल बिल, कॉल डिटेल, साक्षीगणों के कथन एवं अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य संकलित की गयी मामले की विवेचना उपरांत आरोपी आषीष सिंह के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायालय में उप-संचालक (अभियोजन) श्री अनिल कटारे ने 30 अभियोजन साक्षियों को परीक्षित कराया और मामले में महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रस्तुत कियें। बचाव पक्ष द्वारा भी अपने साक्षियों को परीक्षित कराया गया। 

उप-संचालक (अभियोजन) द्वारा उभय पक्ष की वहस के दौरान अभियोजन की ओर से महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत किये एवं प्रकरण को अभियुक्त के विरूद्ध संदेह से परे प्रमाणित कराया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी आषीष सिंह पिता सुरेन्द्र कुमार जाट उम्र 30 वर्ष निवासी शांति विहार कॉलोनी थाना मकरोनिया जिला सागर को दोषी पाते हुए धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं 10000 रूप्ये के अर्थदण्ड, धारा 201 भादवि में 02 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 रूपए के अर्थदण्ड, धारा 25(1-बी) आर्म्स एक्ट में 02 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000 रूपए अर्थदण्ड और धारा 27 आर्म्स एक्ट में 03 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।


शादी का झांसा देकर छेडछाड करने वाले आरोपी को कठोर कारावास

सागर। न्यायालय-श्रीमति नीलू संजीव श्रृंगीऋषि नवम अपर सत्र न्यायाधीश सागर के न्यायालय ने आरोपी निहाल पिता हुकुमचंद कोरी उम्र 20 वर्ष निवासी चंद्रषेखर वार्ड थाना मोतीनगर जिला सागर को दोषी पाते हुए धारा 366 भादवि में 05 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000 रूपए के अर्थदण्ड एवं धारा 354 भादवि में 02 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। राज्य शासन की ओर से सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने शासन का पक्ष रखा।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि पीडि़त की मां ने दिनांक 17.03.2019 को थाना मोतीनगर में इस आषय की रिर्पोट लेख करायी कि दिनांक 16.03.2019 को शाम रात्रि में 03 बजे जब उसकी नीद खुली तो उसकी बेटी घर पर नही थी। आसपास तलास किया परन्तु उसका कुछ पता नही चला। उक्त सूचना के आधार पर थाना मोतीनगर ने गुम इंसान सूचना लेखबद्व की गई और संदेही आरोपी निहाल कोरी के विरूद्ध अपराध धारा 363 भादवि के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गयी। प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया विवेचना के दौरान अभियोक्त्री को दस्तयाव किया गया जिसके उपरांत अभियोक्त्री ने आपबीती पुलिस को बतायी कि आरोपी द्वारा उसे शादी का झांसा देकर ले जाया गया तथा उसके साथ छेडछाड की। 

 अभियोक्त्री की चिकित्सीय परीक्षण एवं न्यायालयीन कथन कराये गये। विवेचना पूर्णकर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष पेष किया गया। न्यायालय में अभियोजन अधिकारी ने महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत कियें एवं प्रकरण को अभियुक्त के विरूद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी निहाल पिता हुकुमचंद कोरी उम्र 20 वर्ष निवासी चंद्रषेखर वार्ड थाना मोतीनगर जिला सागर को दोषी पाते हुए धारा 366 भादवि में 05 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000 रूपए के अर्थदण्ड एवं धारा 354 भादवि में 02 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

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