शिवपुरी-देश के 10 लाख बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों की देशव्यापी हड़ताल 15 और 16 मार्च यह हड़ताल सरकार की जनविरोधी बैंकिंग एवं आर्थिक नीतियों एवं सार्वजानिक क्षेत्र की बैंकों के निजीकरण और उनमें विनिवेश के सरकार के फैसलों के विरोध में और आम जनता, किसानों, लघु बचतकर्ताओं, पेंशनभोगियों, छोटे एवं मध्यम आकार के उद्यमियों, व्यापारियों, स्वरोजगारियों, विद्यार्थियों, महिलाओं, पिछड़े वर्गा, बेरोजगारों और कर्मचारियों के रूप में देश की 95 प्रतिशत जनता के हितों की रक्षा के लिए है,
क्योंकि बैंक निजीकरण का मतलब है, ग्रामीण शाखाओं का बंद होना और बैंकों का अधिक शहर उन्मुखीकरण, सार्वजनिक बचत के लिए अधिक जोखिम, लघु बचत योजनाओं पर ब्याज में कमी और सेवानिवृत, वरिष्ठ नागरिकों, पेंशनभोगियों की आय में कमी, उनके जीवन यापन में कठिनाई कृषि ऋ णों में कमी, सीमान्त और छोटे किसानों भारतवर्ष को सरकारी बैंकों द्वाराकी कृषिकार्य से बेदखली, छोटे एवं मध्यम आकार के उद्योगों, व्यापारियों को कम ऋ ण एवं ऋ ण लेने में कठिनाई, विध्यार्थियों को शिक्षा ऋ णों में कमी एवं कठिनाई बुनियादी ढांचे एवं जनोन्मुखी विकास के लिए ऋ णों में कमी, जन सेवाओं का निजीकरण, कॉरिट्स एवं बड़े घरानों को सस्ता एवं अधिक ऋण, बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के कम अवसर, स्थायी नौकरियों पर हमले, अनुबंध नौकरियां (नौकरियों पर ठेकेदारों का कब्जा लूट), ग्राहकों के लिए अधिक सेवा शुल्क, जनता की बचत पूँजी पर बड़े कॉर्पोरेट घरानों का कब्जा और उसकी अपने मुनाफे के लिए मनमानी लूट
इसलिए सभी बैंककर्मियों अनुरोध है कि इससे सम्बंधित तथ्यों को समझें और इस आंदोलन को अपना संघर्ष बना कर संघर्षरत बैंक अधिकारियों कर्मचारियों का साथ दो, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की रक्षा कीजिए, भारत सरकार से प्रस्तावित सरकारी निजीकरण के विरोध में 2 दिन की हड़ताल को सफल बनाए। यह आह़्वान किया बैंक यूनियन से जुड़े संजय वर्मा ने जिन्होंने सभी बैंक के साथियों के साथ इस हड़ताल को समर्थन देते हुए प्रदर्शन किया और दो दिनों के लिए बैंकों में होने वाली हड़ताल को लेकर गुरूद्वारा स्थित शाखा पर सभी साथियों के साथ प्रदर्शन किया। इस दौरान बताया गया कि जिस तरह से भारत सरकार द्वारा आम बजट में 2 सरकारी बैंक एवं 1 बीमा कंपनी के निजिकरण का प्रस्ताव लाया गया। यह कदम देश के लिए बहुत हानिकारक है
निजीकरण से देश की पूंजी उद्योगपतियो के पास जाएगी अगर देश की पूंजी उद्योगपतियो के पास जायेगी तो वह अपनी मनमानी तरीके से आम जनता की जेब पर भारी पड़ेगी। सरकारी बैंकों द्वारा पीएम स्वनिधि के 4,76,966 लोन मंजूरी दी गई जबकि प्राइवेट बैंक द्वारा 2187 लोन को मंजूरी दी है। सरकारी बैंक हमें सरकार और आम जनता के काम आती है
आज इस हड़ताल मैं शिवपुरी जिले के 12 सरकारी बैंक के कर्मचारियों के भाग लिया और हड़ताल में कॉम.संजय वर्मा यूएफबीयू कन्वेनर और एसबीआई अवार्ड एम्पलॉईज यूनियन, डीएसएच इंचार्ज शिवपुरी कॉम.संतोष शर्मा (एसबीआई रीजनल सेक्रेटरी आरबीओ 2 एसबीआई ऑफिसर एसोसिएशन), कॉम.तृष्णा नरवरिया, ऋ चा अग्रवाल, प्रवीन पॉल, राजकुमार बैरागी, परितोष पाठक, लकी जैन, नंदलाल शर्मा, अभिषेक जैन, भूपेश, सोनम गुप्ता (एसबीआई बैंक), चंचल जैन, सतीश माहौर, अंकेश जैन, विनोद (सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया),निधि गुप्ता, अशोक कुशवाह, नीरज कुमार (पंजाब नेशनल बैंक),सौरभ सक्सेना, सोनू चौधरी, राहुल अग्रवाल, भारत धाकड़, जेपी मीना, मुनेंद्र सिंह बैंक ऑफ इंडिया आदि तमाम बैंक कर्मचारियों ने भाग लिया।
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