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Wednesday, March 24, 2021

बलिदानियों को स्मरण करते रहना चाहिए : राजू बाथम


बलिदान दिवस पर पाठक मंच का कवि सम्मेलन संपन्न, कवियों ने किया काव्य पाठ

शिवपुरी-साहित्य अकादमी संस्कृति विभाग भोपाल से संचालित पाठक मंच शिवपुरी द्वारा बलिदान दिवस के अवसर पर स्थानीय टूरिस्ट वैलकम सेंटर(पर्यटक स्वागत केंद्र) पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा जिलाध्यक्ष राजू बाथम, एसडीएम शिवपुरी अरविंद वाजपेयी, पर्यटन संघ अध्यक्ष अरविंद तोमर, एसडीओ जल संसाधन विभाग एन.के.पाराशर, तरुण अग्रवाल, अशोक अग्रवाल, श्रीमती शशि शर्मा, श्रीमती शैलजा लवंगीकर व श्रीमती सुषमा पांडेय पूरे समय उपस्थित रहे।

सर्वप्रथम वीर भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु के चित्र पर अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलन पुष्प माला अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया तत्पश्चात अपने उदबोधन में मुख्य अतिथि भाजपा जिलाध्यक्ष राजू बाथम ने कहा कि वीर बलिदानियों की वजह से ही आज हम खुली हवा में सांस ले पा रहे है, उनके बलिदान की वजह से ही हम स्वतंत्र हुए, उनका पुण्य स्मरण करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है, युवाओ को उनसे प्रेरणा लेकर राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानना चाहिए। एसडीएम अरविंद वाजपेयी ने कहा कि सकारत्मकता इस समय बेहद आवश्यक है और वह ऐसे कार्यक्रमो से ही बढ़ेगी, महापुरषो की जयंती पुण्यतिथि पर इस तरह के आयोजन से न सिर्फ  राष्ट्रभक्ति की भावना प्रबल होती है वरन बौद्धिक विकास भी होता है, युवाओ को इन महापुरुषों से प्रेरणा लेनी चाहिए।

अतिथियों के उद्बोधन के पश्चात पाठक मंच केंद्र शिवपुरी के संयोजक कवि आशुतोष शर्मा ओज के संचालन भगत सिंह, राजगुरु सुखदेव अमर आजाद प्रतापी आज, अंग्रेज हुए थे कंपित जिनसे छोड़ भगे थे तख्तों ताज की पंक्तियों के साथ कवि सम्मेलन का शुभारंभ हुआ, प्रथम कवि के रूप में अजय जैन अविराम ने तन-मन-धन जीवन अपना, हर कदम राष्ट्रहित धरते है, ये दिव्य दिवाकर वीर पुरुष आत्मा आहूत भी करते है, पंक्तियां प्रस्तुत की। शरद गोस्वामी ने वहसतें नफरत जिहालत कत्लोगारत छोड़ दे, अब मेरे प्यारे वतन है से तू अदावत छोड़ दे की प्रस्तुति दी।राकेश सिंह ने कश्मीर हो या कन्याकुमारी या गोहाटी, चंदन से भी बढ़कर है मेरे देश की माटी की प्रस्तुति दी। 

सुकून शिवपुरी ने गुमनाम और खामोश पड़े रहते है, बरसात कड़ी धूप सहते है, या दफन किताबो में है किरदारे वतन, या बुत बने सड़को पे खड़े रहते है, सभी को सुना मुग्ध किया। अध्यक्षीय कवि के रूप में राकेश मिश्रा ने बलिदान दिवस के अवसर पर अब हम सब मिल संकल्प करें, सभी भारत माता की खातिर, निज प्राण दान से नही डरे सुना कार्यक्रम को सम्पन्न किया। अतिथियों व कवियों का स्वागत श्रीमती ज्योति त्रिवेदी, विमल जैन मामा, संजय ओझा, संजय गुप्ता, गोविंद बाथम, दीपेश फडऩीष, रोहित अन्ना, अरमान घावरी, आशिष खटीक, किशन कुशवाह आदि ने किया। संचालन आशुतोष ओज ने तो आभार प्रदर्शन रणजोध सरदार ने किया।  

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