Responsive Ads Here

Shishukunj

Shishukunj

Tuesday, March 30, 2021

स्व.बल्लभदास गोयल स्मृति में काव्यगोष्ठी : मेरा दिल है शिवपुरी में, मेरी जान शिवपुरी में...


स्व.बल्लभदास गोयल स्मृति में काव्यगोष्ठी आयोजित

शिवपुरी। परिमल समाज कल्याण समिति ने स्वर्गीय बल्लभदास गोयल की स्मृति में निरंतर छठे वर्ष में कवि गोष्ठी का आयोजन किया। कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार सीमित सदस्यों की मौजूदगी में कार्यक्रम हुआ। विशेष अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार पुरुषोत्तम गौतमए नेत्र रोग विशेषज्ञ एचपी जैन और संस्कृत भारती के विभाग समन्वयक सुरेश शर्मा ने कार्यक्रम की शुरुआत की।

 पुरुषोत्तम गौतम ने कहा कि स्वर्गीय गोयल सांस्कृतिक कार्यक्रमो में बेहद रुचि रखते थे व कई कार्यक्रम उन्होंने शुरू किए थे। इसमें प्रतिवर्ष अखिल भारतीय स्तर के कवियों की मौजूदगी में होने वाला होली पर हास्य कवि सम्मेलन प्रमुख है। सामाजिक गतिविधियों में भी वह बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे। समाजसेवा में हमेशा आगे रहते थे और उनकी स्मृतियों को अक्षुण्य बनाए रखने का ये बेहतर तरीका है। समाज उसे ही सदा याद रखता है जो समाज के लिए कुछ विशेष कर जाता है। डॉ.एचपी जैन की अध्यक्षता में काव्य गोष्ठी हुई। 

कवि विकास शुक्ल प्रचंड ने.श्वीर प्रसूता भारत भू ने हैं इतिहास बनाए, संत विवेकानंद सरीखे पुत्र धरा ने पाए....सभी के समक्ष प्रस्तुत की। इसके बाद भगवान सिंह यादव ने-रुला भगवान को जो दे उसी नगमे को गाओ तुम, इसे भवभूति भी जाने करुण रस में मजा क्या है... प्रस्तुत की। अगले क्रम में सुकून शिवपुरी ने-जबसे मिली है मुझको पहचान शिवपुरी में, मेरा दिल है शिवपुरी में, मेरी जान शिवपुरी में...प्रस्तुत की। डॉ.जैन ने-फूल रहे टेशू के मनहारी फूल मौसम की अगन लगे कितनी अनुकूल...की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम का समापन किया। संचालन आशुतोष शर्मा ने किया। आभार सुरेश शर्मा ने माना।

No comments:

Post a Comment