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Friday, March 26, 2021

सागर/ अष्लील हरकत करने वाले आरोपी को 01 वर्ष का कठोर कारावास


सागर
। न्यायालय-श्रीमति नीलू संजीव श्रृंगीऋषि नवम अपर सत्र न्यायाधीश सागर के न्यायालय ने अष्लील हरकत करने वाले आरोपी रामराज पिता माधव चढार उम्र 31 वर्ष निवासी अंतर्गत थाना राहतगढ़ जिला सागर को धारा 354 भादवि में 01 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। राज्य शासन की ओर से पैरवी सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि पीडि़त/फरियादिया ने दिनांक 03.01.2014 को पुलिस चौकी सीहोरा में इस आषय की रिपोर्ट लेख कराई कि दिनांक 02.01.2014 की शांम करीब 07 बजे जब वह बाजार जा रही थी तभी आरोपी रामराज चढार पीछे से आया और बुरी नीयत से उसका हाथ पकडकर अष्लील हरकत करने लगा। फरियादिया डर गयी और चिल्लाने लगी तो आसपास के कुछ लोग आ गये जिसे देख आरोपी भाग गया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर आरोपी के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। पीडि़ता का उम्र के संबंध में दस्तावेज प्रस्तुत किये गये एवं न्यायालयीन कथन कराये गये। 

विवेचना पूर्णकर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष पेष किया गया। न्यायालय में अभियोजन अधिकारी ने महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत कियें एवं प्रकरण को अभियुक्त के विरूद्ध धारा 354 भादवि में संदेह से परे प्रमाणित किया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी रामराज पिता माधव चढार उम्र 31 को धारा 354 भादवि में 01 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।   

गंभीर चोट कारित करने वाले आरोपीगण को  कारावास एवं अर्थदण्ड से किया दंडित

सागर। न्यायालय-श्रीमान शरद जोषी, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सागर के न्यायालय ने आरोपीगण पवन पिता भरत पटेल उम्र 18 साल एवं भरत उर्फ भरतू पटेल पिता बाबूलाल पटेल उम्र 48 साल दोनों निवासी अंबेडकर वार्ड थाना मोतीनगर जिला सागर को धारा 324 भादवि में दोषी पाते हुए 03-03 माह का साधारण कारावास एवं 500-500 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। राज्य शासन की ओर से पैरवी सहा. जिला अभियोजन अधिकारी सुश्री किरण गुप्त ने की।


घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 22.08.2013 को फरियादी अपने घर आ रहा था तभी रास्ते में आरोपीगण पवन पटैल एवं भरतू पटेल उसे गालियां देने लगे। फरियादी ने गालि देने से मना किया तो पवन पटेल ने किसी चीज से मारा जिससे उसके हाथ से खून निकलने लगा। फरियादी ने थाना में उपस्थित होकर आरोपीगण पवन पटैल एवं भरतू पटेल के विरूद्ध मारपीट करने की रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट दर्ज कर फरियादी की चोटों का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया चिकित्सीय रिपोर्ट में चोट गंभीर प्रकृति की होना लेख किया गया। जो धारा 324, 34 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना पूर्णकर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष पेष किया गया। 

न्यायालय में अभियोजन अधिकारी ने महत्वपूर्ण तर्क एवं साक्ष्य प्रस्तुत कियें एवं प्रकरण को अभियुक्त के विरूद्ध धारा 324,34 भादवि में संदेह से परे प्रमाणित किया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण पवन पिता भरत पटेल उम्र 18 साल को धारा 324 भादवि में दोषी पाते हुए 03 माह का साधारण कारावास एवं 500 रूपये के अर्थदण्ड से एवं भरत उर्फ भरतू पटेल पिता बाबूलाल पटेल उम्र 48 साल धारा 324, 34 भादवि में दोषी पाते हुए 3 माह का साधारण कारावास एवं 500 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।

छेड़छाड़ करने वाले  आरोपी को 02 वर्ष का कठोर कारावास

सागर। न्यायालय-श्रीमति नीलू संजीव श्रृंगीऋषि नवम अपर सत्र न्यायाधीश सागर के न्यायालय ने आरोपी प्रभू उर्फ प्रभूदयाल उर्फ रामप्रभु पिता लालसिंह पटैल उम्र 25 साल निवासी थाना जैसीनगर जिला सागर को धारा 354 भादवि में 02 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। राज्य शासन की ओर से पैरवी सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि पीडि़त/फरियादिया ने पुलिस अधीक्षक सागर के समक्ष इस आषय का लेखीय आवेदन प्रस्तुत किया कि दिनांक 02.10.2018 को दिन के करीब 11 बजे जब वह अपने घर के पीछे बाड़े में सफाई कर रही थी तब आरोपी रामप्रभु ने उसे अकेला देख बुरी नियत से उसका हाथ पकड लिया एवं अष्लील हरकत करने लगा। पीडिता ने आबाज लगाई तो उसके पिता एवं परिवार के अन्य सदस्य आ गये। जिसे देखकर आरोपी वहां से भाग गया। उक्त घटना के लेखीय आवेदन पर थाना जैसीनगर में आरोपी के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। 

पीडि़ता का उम्र के संबंध में दस्तावेज प्रस्तुत किये गये एवं न्यायालयीन कथन कराये गये। विवेचना पूर्णकर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष पेष किया गया। न्यायालय में अभियोजन अधिकारी ने महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत कियें एवं प्रकरण को अभियुक्त के विरूद्ध धारा 354 भादवि में संदेह से परे प्रमाणित किया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी प्रभू उर्फ प्रभूदयाल को धारा 354 भादवि में 02 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

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