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Monday, February 22, 2021

जितना अच्छा हम अपनी मातृ भाषा में समझ सकते है उतना किसी अन्य भाषा में नही: सोनम शर्मा


अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर ग्राम  चिटोरीखुर्द में परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित

शिवपुरी। माना जाता है कि एक बच्चा जब कोई कहानी सुनाता है तो इससे उसकी अभिव्यक्ति क्षमता भी मजबूत होती है। वह अपने विचारों को अच्छी तरह से पेश कर दूसरों पर प्रभाव डाल सकता है। अच्छी बात यह है कि तमाम बच्चेण्किशोर अंग्रेजी व हिंदी के अलावा अपनी मातृभाषा में भी किस्से कहानियां सुनाकर अन्य बच्चों को प्रेरित करते है यह कहना था परिचर्चा में शामिल सोनम शर्मा का ।  21 फरवरी 1952 को बांग्लादेश की ढाका यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तत्कालीन पाकिस्तान सरकार की भाषायी नीति के विरोध में बड़ा आंदोलन किया था। आंदोलनकारी बांग्ला भाषा को आधिकारिक दर्जा देने की मांग कर रहे थे। अंतत: जिसे सरकार को मानना पड़ा था। इस आंदोलन में अनेक युवा शहीद हो गए थे। उन शहीद युवाओं को श्रद्धांजलि देने के लिए ही यूनेस्को ने 1999 में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने की घोषणा की। दरअसल विश्व में भाषायी एवं सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर वर्ष 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था। पहली बार 21 फरवरी 2000 को अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया गया था।
कार्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक शक्तिशाली महिला संगठन  के रवि गोयल ने कहा कि आज 31 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष में शक्तिशाली महिला संगठन शिवपुरी द्वारा ग्राम चंदौरी खुर्द में किशोरी बालिकाओं के साथ परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें कि गांव की किशोरियों ने मातृभाषा में चर्चा की। वास्तव में इस दिवस को बनाने का उद्देश्य विश्व में भाषाई और सांस्कृतिक विविधता और बहुभाषिकता को बढ़ावा देना है इस संदर्भ में भारत की भूमिका और भी अधिक मायने रखती है क्योंकि एक बहुभाषी राष्ट्र होने के नाते मातृभाषा के प्रति भारत का उत्तरदायित्व कहीं अधिक मायने रखता है, मातृभाषा ही शिशु एमाता एसमाजए राष्ट्र और विश्व को जोड़ती है विश्व की मातृ भाषाओं के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के माध्यम से यह बात बिल्कुल प्रमाणित है कि मानव जीवन से संबद्ध समस्त विषयों को सीखने समझने एवं ज्ञान की प्राप्ति में सबसे सरल माध्यम होती है। इस अवसर पर ग्राम चिटोरी खुर्द में शक्तिशाली महिला संगठन की सोनम शर्मा एवं ललिता यादव ने किशोरी के लिए आज के खास दिवस पर परिचर्चा में कहा कि हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री जी ने अब मेडिकल एवं इंन्जीनियरिग की पढ़ाई भी मातृ भाषा में करने का निश्चय किया है जो कि काबिले तारीफ  है हमको अपनी मातृ भाषा पर गर्व करना चाहिए। जागरुकता कार्यक्रम में चिटोरीखुर्द की किशोरी सोनम शर्मा, ललिता यादव, रुबी यादव, रश्मी यादव, कविता यादव, हंसमुखी यादव, खुशबू शर्मा, रानी शर्मा, विशाखा यादव एवं रश्मिा शर्मा ने भाग लिया एवं अपनी मातृ भाषा पर गर्व किया।

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