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Tuesday, February 2, 2021

अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवन देने वाला आत्मनिर्भर भारत का बजट :पूर्व विधायक प्रहलाद भारती


शिवपुरी
-कोरोना महामारी के चलते पिछले वर्ष देश की आय में लगभग 5.6 लाख करोड़ की कमी हुई है, करीब 80 करोड़ लोगों को 8 महीनों तक केंद्र सरकार ने खाद्यान्न, गैस सिलेंडर और गरीब महिलाओं को 500 रु.प्रतिमाह देने का कार्य किया है। इन सब विषम विश्वव्यापी कठिन परिस्थितियों के बावजूद इस वर्ष के बजट में कोई अतिरिक्त, कोई नया टैक्स केंद्र सरकार ने नहीं लगाया है। स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा और आधारभूत ढांचे के विकास में बजट में अभूतपूर्व वृद्धि सरकार ने की है। कैपिटल एक्सपेंडिचर में बढ़ावा इस बात का स्पष्ट संकेत है कि सरकार की मंशा इंफ्रास्ट्रक्चर को और बड़ा करने की है।

 शेयर बाजार ने सरकार की मंशा और कोशिश का स्वागत किया है। विभिन्न सेक्टर में किये जाने वाले निवेश, विभिन्न उद्योगों को दी गयी छूट और कई चीजों के कारण मार्केट में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। चाहे सोना, चांदी उद्योग हो, इंश्योरेंस हो, बैंकिंग हो, कृषि हो, ऑटोमोबाइल हो ज्यादातर जीडीपी से मतलब रखने वाले मुख्य उद्योगों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने रास्ता खोला है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन जी द्वारा पेश किया गया यह बजट कोरोना त्रासदी के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामने जो चुनौतियाँ निर्मित हुयीं हैंए उन चुनौतियों की परीक्षा को पार कर आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में एक मील का पत्थर सिद्ध होगा।

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