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Tuesday, February 9, 2021

पुलिस की पकड़ से दूर है अफीम की खेती करने वाले आरोपी


गंभीर अपराध के आरोपियों को पकडऩे के पुलिस के प्रयास नाकाफी हो रहे साबित

शिवपुरी-बीती 3 फरवरी के रोज जब पुलिस थाना सीहोर और नरवर व मगरौनी चौकी प्रभारी के द्वारा संयुक्त रूप से मुखबिर की सूचना पर पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल के निर्र्देशन में गेहूं के खेत की आड़ मे हो रही अफीम की खेती को पकड़ा गया था तब लग रहा था कि इस तरह के गोरखधंधों को करने वालों के खिलाफ  पुलिस बड़ी संख्त कार्यवाही करेंगी। हालांकि इस मामले में भी पुलिस के द्वारा कार्यवाही करते हुए अफीम की खेती के मामले में एनडीपीएस की गंभीर धारा के तहत 5 आरोपियों के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध किया गया लेकिन इस घटना के बाद से अब तक इस गंभीर अपराध की श्रेणी के आरोपी अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है और अफीम की खेती करने वालों की गिरेबां तक पुलिस की पकड़ नहीं पहुंच सकी है। पुलिस इस मामले को लेकर आरोपियों को पकडऩे के अब तक जो भी प्रयास हुए वह नाकाफी ही साबित नजर आए।

वहीं दूसरी ओर बताया गया है कि इस मामले में अफीम की खेती करने वाले कुछ आरोपियों पर गंभीर अपराधों के मामले भी पंजीबद्ध है जिनमें सूत्रों के अनुसार धारा 307 जैसा हत्या करने का प्रयास का मामला भी पंजीबद्ध किया गया है। ऐसे में अब पुलिस इन अफीम की खेती करने वाले आरोपियों के खिलाफ यदि ढिलमुल रवैया रखेगी तब इनके हौंसलों को ही बढ़ावा देने वाला कार्य होगा। ऐसे में पुलिस को ऐसे गंभीर अपराध वाले आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार करना होगा ताकि क्षेत्र में में शांति का वातावरण रहे और इस तरह का कृत्य करने वाले आरोपी खुलेआम घूमने के बजाए हवालात के पीछे हो। सूत्रों ने बताया है कि पुलिस ने अभी भी कई ऐसे अफीम करने वालों को बख्शा है जो पकड़ी गई अफीम की खेती के निकट ही अन्य स्थानों पर अफीक की खेती कर रहे है और इस कार्यवाही की आड़ में उन्हें पुलिस के ही कुछ नुमाईंदों के द्वारा छोड़ दिया गयाए ऐसा जान पड़ता है। 

सूत्रों ने बताया है कि कहीं ना कहीं इस गोरख धंधे को पनपने और पनाहगार देने के लिए सांठगांठ और साईलेंन्ट पार्टनिरशिप का मार्ग अपनाया गया है जिसमें खाकी की संलिप्पता से भी इंकार नहीं किया जा सकता। हालांकि इसके खुलकर कोई प्रमाण देने को तैयार नहीं लेकिन जिस तरह से अफीक की खेती करने वालों ने बीते वर्ष कुछ ही बीघा में 13 से लेकर 19 लाख रूपये तक की इस गोरखधंधे में कमाई की हो तब यह संभावना बढ़ जाती है कि वह प्रतिवर्ष इससे अधिक मुनाफे की आस में रहते है। अब यह बात अलग है कि मुखबिर की सूचना पर इस गोरखधंधे की पोल खुल गई और मामले में पुलिस ने कार्यवाही करते हुए पांच आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस की धारा के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर मामले में 15 लाख के करीब की अफीम की खेती की फसल जब्त करने की कार्यवाही की। लेकिन इसके बाद भी इन आरोपियों से पुलिस की दूरी होना उनका गिरफ्तार ना होनाए कहीं ना कहीं अन्य खेतों में खड़ी अफीम की फसल होने की सूचना के बाद भी कार्यवाही ना कर उसे अभयदान देना इस तरह के तमाम सवाल भी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशाना खड़े कर रही है। देखना होगा कि इस मामले में थाना प्रभारी नरवर और सीहोर व मगरौनी चौकी प्रभारी क्या कुछ कदम उठाते है या फिर एक बार फिर से कुछेक चेहरों पर कार्यवाही के बाद अन्य चेहरों को यूं ही खुलेआम इस गोरख धंधे करने की छूट दे दी जाएगीघ् यह देखने वाली बात होगी।

इनका कहना है.

अफीम की खेती करने वालों को लेकर पुलिस की कार्यवाही लगातार जारी है हमने कई बार आरोपियों के घर पर दबिश दी लेकिन वह मिले नहीं है शीघ्र ही आरोपियों की गिरफ्तार होगीए हमारा प्रयास है।
रामराजा तिवारी
थाना प्रभारी, सीहोर, जिला शिवपुरी

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