सागर। न्यायालय श्रीमान रविन्द्र कुमार धुर्वे, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, देवरी जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी भगवान दास कुशवाहा को धारा 498 ए भादवि में दोषसिद्ध पाते हुए 02 वर्ष के सश्रम कारावास और 500 रूप्ये के अर्थदण्ड से दंडित किया है। मध्य प्रदेष शासन की ओर से पैरवी सहा। लोक अभियोजन अधिकारी श्री शिवलाल अहिरवार, देवरी ने की।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादिया ने अपने पति भगवानदास पटैल के विरूद्ध थाना महाराजपुर में रिपोर्ट लेख बनाया कि उसको आरोपी प्रतिदिन गालियां देता है और मारपीट करता है। उक्त रिपोर्ट पर से थाना महाराजपुर ने पीसी नियंत्रक करने वाली विवेचना में लिया था। विवेचना पूर्ण कर अभयग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहाँ अभियोजन योजना ने मामले में आयी साक्ष्य को सूक्ष्मता से प्रस्तुत किया और महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत किया। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया जिसमें आरोपी भगवान दास पटैल को धारा 498 ए भादवी में दोषसिद्ध लगता है कि 02 वर्ष का सश्रम कारावास और 500 रूपये का अर्थदण्ड और धारा 323 भादवि में 01 वर्ष के सश्रम कारावास और 500 रुपे का अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। किया गया है किया गया है। ।
धारदार हथियार से अंक कारित करने वाले आरोपी को 01 वर्ष का एम्पराम कारवास
सागर। न्यायालय श्रीमती पूजा पाठक बौरासी, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, सागर के न्यायालय ने धारदार नाटक से मारपीट करने वाले आरोपी तरचंद्र पिता विटोरोरी लाल पटेलल उम्र 49 वर्ष निवासी ग्राम राजौआ थाना मोतीनगर जिला 324 भादवि में दोष खोजने के लिए 01 वर्ष के सश्रम कारावास की। व्यवस्था की है। & 2000 रूप्ये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। मध्य प्रदेष शासन की ओर से पैरवी सहा। लोक अभियोजन अधिकारी श्री बृजजात दीक्षित ने की।
फरियादी ने गाली देने से मना किया तो आरोपी ने छुरी जैसी नुकीली चीज फरियादी को मारी जिससे उसे गंभीर चोट लग गई और फरियादी को जान से मारने की धमकी दी। फरियादी को अंक कारित होने से वह चिल्लाया तो आसपास के कुछ लोग आ गए और उन्होने फरियादी के घर वालों ने उनसे संपर्क भी किया। उक्त घटना के संबंध में रिपोर्ट थाना मोतीनगर में दर्ज कराई गयी। उक्त रिपोर्ट पर से चरण पुनरुत्थान कर विवेचना में लिया गया। आहत की प्रीएमपीएस रिपोर्ट संलग्न की गयी। सम्पूर्ण विवेचना पूर्ण कर अभयग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन योजना ने मामले में आयी साक्ष्य को सूक्ष्मता से प्रस्तुत किया और महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत किया। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया जिसमें आरोपी द्वारा फरियादी के साथ घटना स्थल पर धारदार तोपों से मारपीट कर उपहति कारित की गयी।आरोपी मधु पटेल को धारा 324 भादवि में दोषसिद्ध लगता है कि 01 वर्ष का सश्रम कारावास और 2000 रुपए का अर्थदाद है
अवैध हथियार रखने वाले और बिक्री करने वाले आरोपीसूट को 03-03 वर्ष का कठोर कारावास
सागर। न्यायालय माइक अरुंधति काकोडिया न्यायिक धर्मवादी प्रथम श्रेणी, देवरी सागर के न्यायालय ने आरोपी वीरेन्द्र पिता पंचम घोषी उम्र 45 वर्ष निवासी महुआखेड़ा थाना सुरखी जिला सागर और आशाराम पिता शंकर शक्लिवर्कर्मा उम्र 56 वर्ष निवासी नबलपुर थाना सुरही जिला सागर को धारा 25 आयुध अधिनियम में दोषपूर्ण बताया। । । पाते हुए दोनों आरोपीगणों को 03-03 वर्ष के सश्रम कारावास और 1000-1000 रूप्ये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। मध्य प्रदेष शासन की ओर से पैरवी सहा। लोक अभियोजन अधिकारी श्री कपिल पाण्डे, देवरी ने की।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादी तारीख 20.02.2014 को सुवह लगभग 11 बजे थाना गौरझामर में मुखविर से सूचना प्राप्त हुई कि थाना केसली के धारा 376 भादवि का आरोपी केवटाना मोहल्ले में देखा गया है। सूचना की तस्दीक हेतु उप निरीक्षक अन्य स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचचे तो देखा तो आरोपी वीरेन्द्र मोटरसाइकिल से आ रहा था जिस पर घेराबंदी कर पकडने की तैयारी की गई। आरोपी पुलिस को देखकर भागने लगा, जिसे पुलिस ने पीछा कर पकड़ लिया। उसकी तलासी ली गयी जिसमें उसके पास से 12 बोर का देषी कट्टा और उसमें 12 बोर का जिंदा कारतूस लोड था।
आरोपी से पूछताछ करने पर उसने लायंस का न होना बताया और ग्राम नबलपुर थाना सुरखी निवासी आशाराम से खरीदारी करने जाने की बात कही। आरोपी आषाराम को पकड़ा गया और तलासी लेने पर उसके पास से एक 315 बोर का देषी कट्टा जप्त किया गया।उक्त घटना का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन, नक्सा मौका तैयार किया गया और आरोपीगण को गिरफ्तार कर कोर्ट के समक्ष पेश किया गया था।
सम्पूर्ण विवेचना पूर्ण कर अभयग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहाँ अभियोजन योजना ने मामले में आयी साक्ष्य को सूक्ष्मता से प्रस्तुत किया और महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत किया और प्रमाणित को संदेह से परे प्रमाणित किया।माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया जिसमें आरोपी वीरेन्द्र पिता पंचम घोषी उम्र 45 वर्ष को धारा 25 (1) (ख) (क) आयुध अधिनियम में दोषसिद्ध पाते हुए 03 वर्ष के सश्रम कारावास और 1000 सत्य के का अर्थदण्ड और आरोपी आशाराम पिता को सुना गया। शंकर को गिरफ्तार कर लिया गया। लाल विष्वकर्मा उम्र 56 वर्ष को धारा 25 (1) (ख) और (25) (1) आयुध अधिनियम में दोषसिद्ध पाते हुए 03-03 वर्ष के सश्रम कारवास और 1000-1000 रूप्ये के अर्थदण्ड के दंडित किया गया है।)
मामले में आयी साक्ष्य को सूक्ष्मता से प्रस्तुत किए गए और महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत किए गए और प्रमाण को संदेह से प्रमाणित किया गया।माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया जिसमें आरोपी वीरेन्द्र पिता पंचम घोषी उम्र 45 वर्ष को धारा 25 (1) (ख) (क) आयुध अधिनियम में दोषसिद्ध पाते हुए 03 वर्ष के सश्रम कारावास और 1000 सत्य के का अर्थदण्ड और आरोपी आशाराम पिता को सुना गया। शंकर को गिरफ्तार कर लिया गया। लाल विष्वकर्मा उम्र 56 वर्ष को धारा 25 (1) (ख) और (25) (1) आयुध अधिनियम में दोषसिद्ध पाते हुए 03-03 वर्ष के सश्रम कारवास और 1000-1000 रूप्ये के अर्थदण्ड के दंडित किया गया है।) मामले में आयी साक्ष्य को सूक्ष्मता से प्रस्तुत किया गया और महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत किया गया और नोड को संदेह से प्रमाणित किया गया।माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया जिसमें आरोपी वीरेन्द्र पिता पंचम घोषी उम्र 45 वर्ष को धारा 25 (1) (ख) (क) आयुध अधिनियम में दोषसिद्ध पाते हुए 03 वर्ष के सश्रम कारावास और 1000 सत्य के का अर्थदण्ड और आरोपी आशाराम पिता को सुना गया। शंकर को गिरफ्तार कर लिया गया। लाल विष्वकर्मा आयु 56 वर्ष को धारा 25 (1) (ख) और (25) आयुध अधिनियम में दोषसिद्ध लगता है 03-03 वर्ष के सश्रम कारवास और 1000-1000 रूप्ये के अर्थदण्ड के दंडित किया गया है।)
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