अतिथि शिक्षक हैं न स्कूल में बच्चे, कैसे हो लक्ष्य पूराशिवपुरी। परीक्षा में शत प्रतिशत परीक्षा परिणाम के लिए शिक्षण संचनालय द्वारा भेजे गए आदेश के विरोध में मप्र शिक्षक संघ ने सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर में पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में संचालनालय द्वारा जारी किए गए आदेश को वापस लेने की मांग की। मप्र शिक्षक संघ ने ज्ञापन में बताया कि कोरोना के भय के कारण अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं। वहीं पोर्टल पर पद प्रदर्शित नहीं होने के कारण स्कूलों में अतिथि शिक्षक नहीं गए हैं। इसके बाद भी शासन द्वारा लक्ष्य पूर्ति के लिए जो आदेश जारी किया है उस पर तत्काल रोक लगाई जाए।
उन्होंने बताया कि शासन के अव्यवहारिक आदेशों से शिक्षकों में भय का माहौल बना हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पिछले 35 सालों से काम कर रहे व्याख्याताए यूडीटी व सहायक शिक्षकों को न तो पदोन्नाति मिली है और न ही पदनाम दिया गया है। वहीं कोरोना महामारी के कारण शिक्षकों की वेतन वृद्धि और महंगाई रोक दी गई हैए उसका शीघ्र भुगतान किया जाए। इसके साथ ही उच्च माध्यमिक शिक्षकए माध्यमिक शिक्षक व प्राथमिक शिक्षक के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए।
उन्होंने कहा कि सीपीआई भोपाल से कक्षा 9 से 12 के लिए शिक्षकों को जो लक्ष्य जारी किया गया है। 30 फीसदी उपस्थिति की वजह से कोरोना काल में यह लक्ष्य पूर्ति होना संभव नहीं है। इसलिए इस आदेश पर तत्काल रोक लगाई जाए। इस अवसर पर संभागीय कोषाध्यक्ष सुशील अग्रवाल, जिलाध्यक्ष अनिल गुप्ता, जिला सचिव राजा बाबू आर्य, अजमेर सिंह यादव, पंकज भार्गव, दीपेंद्र शर्मा, कृष्णराम बंसल, मुकेश गौतम, प्रहलाद गुप्ता, सुल्तान बघेल, मंगला गुप्ता, ललिता राजपूत, राजेश सेन, केशव शर्मा, राजकुमार शर्मा सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे।
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