सिर्फ सेनेटरी पैड का उपयोग करने से गर्भाश्य के कैंसर से बचा जा सकता है : डा.नीरज सुमनशिवपुरी। मासिक धर्म के दिनों में कमजोर वर्ग की महिलाओं के बीच सैनेटरी नैपकिन की अनुपलब्धता कई कारणों से एक गंभीर चुनौती बनी हुई है।इसी चुनौती से निपटने के लिए शक्तिशाली महिला संगठन शिवपुरी के द्वारा पिछड़े व आदिवासी बाहुल्य ग्राम चिटोरीखुर्द, चिटोरा, अमरखौआ, दादौल एवं नया बलारपुर में करीब 500 किशोरी बालिकाओं एवं 500 महिलाओं के लिए हर महिने को मुफ्त सैनिटरी पैड वितरित करने की एक अनोखी पहल की है जिसके तहत आज चिटोरीखुर्द, अमरखौआ एवं चिटोरा गावं में आम सैनिटरी नैपकिन नहीं बल्कि बायोडिग्रेडेबल पैडस वितरित किए जो कि वेस्ट क्वालिटी के है।
कार्यक्रम के प्रारंभ के आरबीएसके के डाक्टर नीरज सुमन ने बताया कि आम तौर पर ग्रामीण क्षेत्रो में किशोरी बालिकाओं एवं महिलाओं के द्वारा महावारी के समय कपड़ा उपयोग में लाया जाता है क्योकि कि उनके लिए सेनेटरी पैड की उपलब्धता एवं इतनी जागरुकता ग्रामीणों में अभी नही है इसी लिए ज्यादातर हेल्थ कैम्प में सफेद पानी आनाए खुजली होनाए और सक्रमण अधिक बढऩे पर गर्भाश्य का कैंसर भी हो सकता है इसीलिए शक्तिशाली महिला संगठन की सेनेटरी पैड वितरित करने की पहल स्वागत योग्य है एवं इन पैडस का उपयोग किशोरी बालिकाओं एवं महिलाओं को अवश्यक करना चाहिए इससे उनकी व्यक्तिगत स्वच्छता अच्छी होगी एवं उनमें अनीमिया एवं कुपोषण में कमी आएगी।
कार्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि संस्था संयोजक रवि गोयल ने बताया कि संस्था द्वारा किशोरी एवं महिलाओं में महावारी स्वच्छता प्रबंधन कार्यक्रम की शुरुआत की गई है जिसमें कि शुरुआत में 05 आदिवासी एवं पिछड़े गांव की 500 किशोरी बालिकाओं एवं 500 महिलाओं को शामिल किया है जिनको कि व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में जागरुक करने के साथ साथ उनको सेनेटरी पैड भी निशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। कार्यकम में अमरखौआए चिटोरी खुर्द व चिटोरा की 500 महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं को आज सेनेटरी नेप्किन वितरित किए एवं स्वच्छता के बारे में जागरुक किया।
कार्यकम में डा.नीरज सुमन किशोर स्वास्थ कार्यकम सतनवाड़ा शिवपुरी, शक्तिशाली महिला संगठन के रवि गोयल एवं सोनम शर्मा, खुशबू, अन्जू के साथ शारदा, रानी, रश्मि आदिवासी, लीला, अन्जजी, ललिता, अन्जू, चमेली, हसमुखी आदि के साथ न्यूट्रीशन चैम्पियन, आशा कार्यकर्ता चिटोरीखुर्द, आशा कार्यकर्ता शाीला आदिवासी, सहायिका राजकुमारी आदिवासी अमरखौआ के साथ समुदाय की महिलाओं ने भागीदारी की।
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