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Saturday, January 9, 2021

राजनीतिक दबाब में कार्य रहा है प्रशासन : अनिल शर्मा अन्नी


गंदी राजनीति का शिकार हुए पूर्व नपा उपाध्यक्ष ने जिला प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप, कर रहे असुरक्षित महसूस

शिवपुरी- बीती 13 मार्च 2013 को जब मेरे ऊपर से माननीय न्यायालय द्वारा रासुका हटाई गई तब माननीय न्यायालय द्वारा जिला प्रशासनव व पुलिस प्रशासन की ओर से एक-एक नियुक्त कर्मचारी के बयान लिए गए थे जब बयान सिद्ध नहीं हुए तो मनाननीय न्यायालय द्वारा मुझे रासुका से बरी किया गया बाबजूद इसके राजनीतिक दबाब में कार्यरत जिला और पुलिस प्रशासन ने अपनी ओछी मानसिकता तब दिखाई जब जबरन ही मुझे धारा 420,468,471 के रूप मे आरोपी बनाकर जेल भेज दिया गया, बीते 40 दिनों पूर्व जब जेल पहुंचा तो वहां भी यात्नाऐं ऐसी मिली कि कोई मुलाकात हो तो जेलर हमेशा समीप ही बैठता, 

निगरानी रखता, आज जब जेल से छूटकर आया तो काफी सोचा, समझा और जाना कि किस प्रकार से मुझे राजनीतिक षडयंत्र के तहत फंसाया गया जबकि जिस धोखाधड़ी के मामले में दर्ज 420 की बात है तो इसके लिए मैं नहीं बल्कि जिम्मेदार वह बैंक के अधिकारी है जिन्होंने वह चैक मेरे लिए जारी किए और उन्हंी चैकों से मैंने पूर्व नपाध्यक्ष के पुत्र पवन जैन से जमीन संबंधी राशि प्रदाय की लेकिन इन बैको को लेकर आरोप-लगाए गए और मुझे राजनीतिक षडयंत्र के तहत निशाना बनाकर जेल भेज दिया गया

यह पूरा षडयंत्र जिला और पुलिस प्रशासन की मिलीभगत का परिणाम है। उक्त बात कही पूर्व नपा उपाध्यक्ष अनिल शर्मा अन्नी ने जो स्थानीय अपने निवास पर आयोजित प्रेसवार्ता के माध्यम से जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद अपनी पीड़ा मीडिया को बता रहे थे साथ ही उन्होंने कहा कि इन हालातों के बीच अब वह अपने आपको अपने ही शहर में असुरक्षित महसूस कर रहे है और इसके लिए किस प्रकार से मुझे प्रताडि़त किया गया, मेरे कृषि फार्म, भाईयों के होटल, स्वयं के निवास आदि को लेकर काफी परेशान किया गया। बाबजूद इसके हिम्मत के साथ इन सभी का मुकाबला किया जाएगा और इन्हें समय आने पर जबाब भी दिया जाएगा।

गंदी राजनीति का हुए शिकार

कहते है कि राजनीति वाकई गंदी है यह कहावत पूर्व नपा उपाध्यक्ष अनिल शर्मा अन्नी पर भी सटीक साबित हुई जब उन्होनें स्वयं स्वीकारा कि वह गंदी राजनीति के शिकार हो गए, नगर में अपने कार्यकाल के दौरान नपा के कई भ्रष्टाचार को लेकर उन्होंने आवाज बुलंद की और परिणाम यह हुआ कि इनके विपरीत परिणाम भी अन्नी शर्मा को भुगतने पड़े जिसके चलते वह स्वयं एक भारी दबाब के चलते राजनीति कर रहे थे जिसमें वह किसी दल को लेकर एक तरफ कार्य करने में खुला हुआ महसूस नहीं कर पा रहे थे 

यही कारण है कि बढ़ता राजनैतिक कैरियर कई लोगों को खटकने लगा था और यही परिणाम है कि किसी ना किसी मामले में फंसाने का प्रयास किया गया। स्वयं को पूर्व नपा अध्यक्ष गणेशी लाल जैन के मामले में उन्होंने बताया कि वह पवन जैन को 78 लाख से अधिक की राशि प्रदाय कर चुके है और 1 करोड़ 31 लाख रूपये के इस सौदे में बकायदा रजिस्ट्री, नामांतरण, जमीन संबंधी सभी दस्तावेज पूर्ण किए गए बाबजूद इसे षडयंत्र के तहत फंसाकर मुझे गंदी राजनीति का शिकार बनाया गया।

40 दिन बाद मिली जमान

नगर पालिका के पूर्व उपाध्यक्ष अनिल शर्मा अन्नी ने बताया कि माननीय न्यायालय पर उन्हें पूर्ण भरोसा है और वह न्याय प्राप्त करेंगें इसे लेकर जहां उन्होंने अपने पुलिस द्वारा रासुका की कार्यवाही किए जाने के बाद जिस तरह से माननीय न्यायालय ने बरी किया, यह माननीय न्यायालय के न्याय का परिणाम बताया। वहीं अब वह स्वयं एक झूठे केस के रूप में धारा 420 के तहत आरोपी थे बाबजूद इसके पुलिस ने इसमें धारा 468,471 की धारा बढ़ाऐं जो कि न्याय संगत नहीं थी और एकाएक जेल भेज दिया गया।

यहां करीब 40 दिन रहने के बाद माननीय न्यायालय से जमानत ली और 5 जनवरी को जेल से बाहर आने के बाद वह अब अपने आप को इन षडयंत्रकारियों के बीच असुरक्षित भी महसूस कर रहे है। अनिल शर्मा अन्नी ने बताया कि आगामी नपा के चुनावों को लेकर भी उन्हें निशाना बनाया जा रहा है और उन्हें नीचे दिखाने के लिए यह सब पूरा षडयंत्र है बाबजूद इसके वह  न्याय प्राप्त करेंगें और ऐसे लोगों को यहीं रहकर जनता के बीच से ही जबाब देंगें। राजनीतिक पार्टी के बारे में उनका कहना था कि वह कांग्रेस पार्टी के लिए ही आस्थावान रहेंगें।

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