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Thursday, January 14, 2021

अमंगल को मंगल करने वाली है महामांगलिक : मुनिश्री आदर्श रत्नसूरीश्वर जी मसा




आदर्श के पथ प्रदर्शक होंगें वैराग्य जीवन की ओर अग्रसर होने वाले हितेश कुमार भायचंद खोना


शिवपुरी-
यह मानव शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना हुआ होता है और इन पंच तत्वों से कई तरह के अमंगल कार्य हो जाते है इन अमंगलों को मंगल करना ही महामांगलिक है लाभार्थी सांखला परिवार सहित शिवपुरी की पावन धरा भी धन्य हो गई जो महामांगलिक के अवसर पर पथ प्रदर्शक के रूप में हितेश कुमार भायचंद खोना को दीक्षा मुहूर्त के रूप में वैराग्य से मोक्ष प्राप्ति का मार्ग आज प्रशस्त हुआ है 

 ऐसे अवसर विरले ही आते है इन क्षणों को हमेशा स्मृत करते रहना चाहिए, क्योंकि वैराग्य के लिए मानव को संसार की मोह-माया त्यागकर संयम का जीवन धारण करने के लिए कठिन तप की ओर जाना होता है और यहां सादा जीवन, पैदल मार्ग, सर्दी-मौसम-बरसात के बीच भी मोक्ष मार्ग की ओर बस चले ही जाना है, यहां आत्म और प्रकृति पर्यावरण के कल्याण के लिए महामांगलिक का श्रवण कराया गया है ताकि सभी का सुख-समृद्ध कल्याणमय हो। उक्त आर्शीवचन दिए प्रसिद्ध संत मुनिश्री आदर्श रत्न सूरीश्वर जी मसा ने जो स्थानीय संतुष्टि टाउनशिप के पीछे लाभार्थी तेजमल, डॉ. दीपक, अशोक कुमार और आशीष कुमार सांखला परिवार द्वारा आयोजित महामांगलिक कार्यक्रम के माध्यम से उपस्थितजनों का धर्म कल्याण कर मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करते हुए महामांगलिक का श्रवण कर रहे थे। 

इस दौरान प्रसिद्ध संत मुनिश्री अक्षत सागर जी मसा द्वारा महामांगलित के भावार्थ को प्रकट किया जा रहा था। कार्यक्रम में सैकड़ों धर्मप्रेमीजनों ने महामांगलिक कार्यक्रम में शामिल होकर पुण्यलाभार्थी के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम के अंत में नौकारसी के लाभार्थी, महामांगलिक के लाभार्थी और मुमुक्षी हितेश कुमार के परिजनों का सम्मान किया गया। यहां भोपाल से आए राठी परिवार द्वारा मुनिश्री के लिए कांबली ओढऩे का लाभार्थी बनने का सौभाग्य मिला जिन्होंने शिवपुरी स्थित अपनी ससुराली कोचेटा परिवार के साथ मिलकर मुनिश्री को कांबली ओढ़ाई और धर्मलाभ प्राप्त किया। 


श्रीजैन श्वेताम्बर मंदिर से निकला बरघोड़ा, धर्मावलंबियों ने की आगवानी

 
मानव जीवन से वैराग्य का मार्ग चुनने वाले हितेश कुमार भायचंद खोना के लिए श्री श्वेताम्बर जैन मंदिर से भव्य वरघोड़ा(जुलूस)श्रीजैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ के तत्वाधान में निकाला गया। जहां अनेकों स्थानों पर जैन धर्मावलंबियों द्वारा वैराग्य की जीवन जीने जा रहे हितेश कुमार का अक्षत, श्रीफल व माल्यार्पण और भेंट प्रदान कर आगवानी की गई। यहां नौकारसी(नाश्ता)के लाभार्थी उदयचंद शिखरचंद कोचेटा परिवार रहा जिनके द्वारा नौकारसी का आयोजन जैन श्वेताम्बर मंदिर परिसर पर प्रात: 8:30 बजे से किया गया। इस अवसर पर जैन समाज द्वारा भव्य वरघोड़ा(जुलूस) मे ंशामिल होकर नृत्य करते हुए हितेश कुमार के नए जीवन की शुरूआत की ढेरों खुशीयां मनाई और जैन मंदिर से निकला यह जुलूसू कोर्ट रोड़, माधवचौक, सदर बाजार, निचला बाजार, कष्टमगेट, व्हीटीपी मार्ग होते हुए ग्वालियर वायपास से निकलकर कार्यक्रम स्थल संतुष्टि टाउनशिप के पीछे पहुंचा जहां मुनिश्री के समक्ष परिजनों के द्वारा हितेश कुमार को वैराग्य जीवन के लिए समर्पित किया गया। 


भावविभोर हुए मुमुक्षी हितेश कुमार के परिजन

 
महामांगलिक कार्यक्रम में जब मुमुक्षी हितेश कुमार भायचंद खोना का दीक्षा मुहूर्त निकाला जा रहा था तब उपस्थितजनों द्वारा पूरा प्रांगण भाव-विभोर हो गया और इस दौरान हितेश के सभी परिजन भाव से मुनिश्री के समक्ष खड़े होकर अपने पुत्र को वैराग्य जीवन की ओर समर्पित करते हुए मुनिश्री से मार्गदर्शन प्राप्त किया। यहां हितेश के माता-पिता, भाई व अन्य परिजन यहां शामिल हुए और आंखों की अश्रुधारा के बीच हितेश को विदा करते हुए वह भावविभोर हो गए। यह दृश्य वहां देख रहे मौजूदजनों की आंखों में आंसू दे गया। वहीं मुनिश्री से हितेश के माता-पिता के लिए कहा कि वह माता-पिता विरले ही होते है जो इस संसार में अपने बच्चों का लालन-पालन कर उन्हें संयम के जीवन की ओर भेजे, लेकिन बीते 2010 से हितेश कुमार का मन संयम की ओर था इसलिए वह अब भविष्य में आदर्श पथ के प्रतीक बनेंगें। 


30 मई को निकला दीक्षा मुहूर्त

कार्यक्रम में जैसे ही मुनिश्री आदर्श रत्नसूरीश्वर जी मसा द्वारा मुमुक्षु हितेश कुमार भायचंद खोना का दीक्षा मुहुर्त निकाला तो यह कार्यक्रम आगामी 30 मई को दीक्षा महोत्सव के रूप में उत्ततर दिशा में आने वाले प्रांत में आयोजित होगा। यह दीक्षा मुहुर्त सुन मुमुक्षु हितेश कुमार  प्रसन्न हो गए और वह संयम की ओर जीवन जीने को लेकर मुनिश्री की परिक्रमा कर दीक्षा मुहुर्त प्रदान करने पर आभार जताते हुए नजर आए। इस दौरान होने वाले दीक्षा महोत्सव में दीक्षा रत्न स्तंभ के लाभार्थी भीमराज नीलेश कुमार भाटिया होगा, दीक्षा स्वर्ण स्तंभ के लाभार्थी   की सहर्ष घोषणा हुई तो वहीं दीक्षा रजत स्तंभ के लाभार्थी के रूप में बीनू भाई पटेल अहमदाबाद को लाभार्थी बनाया गया। यहां दुबई, कतर, यमन सहित दूर-दराज के लोग भी हितेश कुमार के दीक्षा महोत्सव का लाभ लेना चाहते थे लेकिन मुनिश्री के द्वारा एक दीक्षा में अनेकों लाभार्थी बने इसलिए अधिक से अधिक लोगों को लाभ दिलाने के लिए यह तीन स्तंभ के रूप में कार्यक्रम की रूपरेखा तय की गई।
 

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