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Friday, January 29, 2021

"करैरा की मुंगफली" दे रही "काजू" को चेलेंज : पहारिया


करैरा की मुंगफली अब करैरा के ब्रांड के नाम से जाना जाएगा : तिवारी  

एक जिला एक उत्पाद में हुआ मंूगफली का चयन, क्लस्टर बनाने मांगे सुझाव

शिवपुरी-एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत शिवपुरी जिले मे मुंगफली को चुना गया इसके लिए जिला व्यापार एवं उधोग केंद्र शिवपुरी द्वारा करैरा में एक क्लस्टर बनाने के लिए व्यपारियो के सुझाव लिए गए नगर करैरा क्षेत्र के सभी व्यपारियो ने इसकी प्रसनता भी की करैरा को क्लस्टर बनाया जा रहा है।

संजय पहारिया जिलाध्यक्ष भारतीय उधोग व्यापार मंडल ने बताया कि करैरा की मुंगफली में ऑइल काम होने से प्रोटीन की मात्रा करीब 44 प्रतिशत (प्रति 100 ग्राम) जो अन्य राज्यो के मुकाबले अधिक है करैरा की मुंगफली सिकने ओर रोस्टेड होने के बाद काजू से ज्यादा टेस्टी रहती है और करैरा को क्लस्टर बनाये जाने पर मुख्यमंत्री एवं जिला कलेक्टर का आभार व्यक्त किया 

अससेंट मैनेजर जिला व्यापार एवं उधोग केंद्र अजय तिवारी ने कहा कि क्लस्टर बनाने के बाद करैरा को करैरा ब्रांड के नाम से जाना जाएगा इसके लिए जिला एवं मध्यप्रदेश सरकार इसकी मार्किटिंग करेगी बही जिला मैनेजर जयन्त सिंह टैगोर ने एक्सपोर्ट की बारीकियों के बारे मे जानकारी दी। मीटिंग में गल्ला व्यापार संघ ओमप्रकाश पहारिया,प्रमोद जैन सोनचिरैया, सीताराम बेढर, रज्जन बेढर, मनीष जैन, मनीष आर्य आदि एक सैकड़ा व्यापारी उपस्थित रहे।

अभी कई प्रांतों में करैरा की सप्लाई की जाती है जैसे

मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली सहित अन्य प्रांतों में काजू के नाम से प्रसिद्ध करैरा अंचल की मूंगफली ने एक अलग पहचान बनाई है। करैरा नगर सहित दिनारा, नरवर, मगरौनी में स्थित मूंगफली मीलों से सैकड़ों मजदूरों को रोजगार मिलता है। वैसे तो मूंगफली की पैदावार हर जगह होती है, लेकिन करैरा की देशी मूंगफली को रोस्टेज करने के बाद कतई तिलहन की महक नहीं आती हैं। रोस्टेज करने के बाद इसको लंबे समय तक रखा जा सकता है, जो खाने में काजू जैसी लगती है।

आईटीबीपी के जवानों को भाती हैं करैरा की मूंगफली

करैरा में भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल की एसपीटी बटालियन और आरटीसी सहित दो शाखाएं होने के कारण यहां आने वाले सैनिकों को करैरा की मूंगफली खूब भाती हैं। जब भी कोई जवान करैरा आईटीबीपी में कोर्स या अन्य काम के लिए आता है तो वह अपने घर मूंगफली ले जाना नहीं भूलता है।

मूंगफली के छिलके से बनती है लकड़ी

करैरा नगर में लगे मूंगफली के मिलो से जो छिलके निकलते हैं, वह राजस्थान के उदयपुर और मप्र के गुना एशिवपुरी में इसका प्लांट लगा है, जहां इससे लकड़ी बनाई जाती है। इससे बनने वाली लकड़ी मजबूत होती है।

मूंगफली से बनती गजक और टेस्टी

करैरा की मूंगफली की बात ही निराली है। इससे कई प्रकार की खाने के चीजें बनाई जाती हैं, जैसे गुड़ और शकर की गजक, टेस्टी, मिक्चर, नमकीन आदि चीजें बनाई जाती हैं।

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