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Monday, December 7, 2020

शिव को प्रसन्न करना है तो महामृत्युंजय जाप करना है : पं.लक्ष्मीकांत शर्मा



मंशापूर्ण मंदिर पर चल रहे महामृत्युंजय अनुष्ठान का आज पूर्णाहुति के साथ होगा समापन

शिवपुरी-शहर के एबी रोड़ स्थित श्रीमंशापूर्ण हनुमान मंदिर पर चल रहे सवा लक्ष महामृत्युंजय अनुष्ठान का आज पूर्णाहुति के साथ समापन होगा। मंशापूर्ण मंदिर पुजारी अरुण कुमार शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि यह अनुष्ठान 1 दिसंबर मंगलवार को कलश यात्रा के साथ प्रारंभ हुआ था जिसका आज पूर्णाहुति के साथ समापन होगा। 

महामृत्युंजय अनुष्ठान आचार्य पं लक्ष्मीकांत शर्मा के सानिध्य में यह आयोजन आशीष राठौर भज्जू नमकीन वालों के द्वारा संपन्न कराया जा रहा है जिसमें 11 विद्वान ब्राह्मणों द्वारा महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है और भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करने के बाद भगवान आशुतोष का दिव्य श्रृंगार किया जाता है। 

आचार्य पं.लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया कि शिवपुराण सहित कई ग्रंथों में महामृत्युंजय मंत्र के बारे में लिखा गया है। शिव को प्रसन्न करना है तो इस मंत्र का जाप सबसे अच्छा है। बीमारियां और हर तरह की मानसिक एवं शारीरिक परेशानियों को दूर करने के लिए इस मंत्र का जाप बहुत असरदार माना गया है। ग्रंथों का मानना है कि इससे अकाल मृत्यु के योग भी टल सकते हैं। स्वर विज्ञान के हिसाब से देखा जाए तो महामृत्युंजय मंत्र के अक्षरों का विशेष स्वर के साथ उच्चारण किया जाए तो उससे उत्पन्न होने वाली ध्वनी से शरीर में जो कंपन होता है। जिससे उच्च स्तरीय विद्युत प्रवाह पैदा होता है और वो हमारे शरीर की नाडयि़ों को शुद्ध करने में मदद करता है। 

कोरोना महामारी को देखते हुए अनुष्ठान में सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क का प्रयोग किया जा रहा है साथ ही भगवान आशुतोष से इस महामारी से निजात दिलाने के लिए भी प्रार्थना वैदिक मंत्रों द्वारा की जा रही है।

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