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Monday, December 21, 2020

सागर/ बंधक बनाकर पांच लाख की फिरौती लेने वाले आरोपीगण की जमानत निरस्त कर भेजा जेल


सागर।
न्यायालय-श्रीमान अनिल चौहान द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश, बीना जिला सागर के न्यायालय ने आरोपीगण राकेश यादव एवं प्रहलाद यादव की जमानत आवेदन निरस्त करने का आदेश दिया गया। राज्य शासन की ओर सेसहा0 जिला अभियोजन अधिकारी श्री दिनेष कुमार मालवीय, बीना ने शासन का पक्ष रखा।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादी ने थाना भानगढ़ मे इस आषय की रिपोर्ट लेख कराई कि दिनांक 03.06.2020 के सुबह करीब 8ः00 बजे की बात है मैने शौतान को वोला की चना खरीदने आ रहा हूं फिर मे अपने साथ रामराजा यादव को लेकर मोटर साईकिल से देवल से थमना चना खरीदने जा रहे थे करीब 8ः30 बजे दिन मे देवल मुहासा रेलवे स्टेशन के बीच सूनसान जगह पर कच्ची रास्ता में राकेश यादव एवं सुरेन्द्र अपनी गाडी मेरी गाड़ी के आगे लगाकर मुझे रोक लिया। 

राकेश यादव ने आकर मेरी कालर पकड़ ली और सुरेन्द्र ने मेरी कनपटी पर देशी कट्टा लगा दिया फिर बोला आज तुम्हे जान से खत्म कर दूंगा। उनके साथ और तीन व्यक्ति आये और मेरे एवं रामराजा के हाथ तौलिये से बांध कर बंधक बना लिया। और कहां कि जब तक पांच लाख रूपए नहीं दोगे छोडूंगा नहीं। रामराजा ने पैसे लाकर राकेश यादव को दे दिया पैसे देने के बाद बोले की रिपोर्ट की तो जान से खत्म कर देंगे। उक्त रिपोर्ट के आधार पर आरोपीगण के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना मंे लिया गया आरोपीगण को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया।

 आरोपीगण के अधिवक्ता ने जमानत आवेदन प्रस्तुत किया। जहां अभियोजन अधिकारी ने जमानत आवेदन का विरोध किया एवं महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत कियें। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण राकेश यादव एवं प्रहलाद यादव का प्रस्तुत जमानत हेतु धारा 439 दप्रसं का आवेदन निरस्त कर दिया गया।  


नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपी की जमानत निरस्त कर भेजा जेल

सागर। न्यायालय-श्रीमान सुधांशु सक्सेना विशेष न्यायाधीश, रहली जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी हल्लेभाई गौड़ पिता किशोरी गौड़ की जमानत आवेदन निरस्त करने का आदेश दिया गया। राज्य शासन की ओर सेसहा0 जिला अभियोजन अधिकारी श्री आशीष त्रिपाठी, रहली ने शासन का पक्ष रखा।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि अभियोक्त्री/फरियादिया ने थाना गढ़ाकोटा मे इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि दिनांक 02.11.2020 की रात्रि लगभग 12ः00 बजे की बात है कि अभियोक्त्री/फरियादिया अपने पिता और बहन के साथ गांव में रहती है, उसकी मां बचपन में खत्म हो गयी थी। पिता की मानसिक स्थिति ठीक नहीं रहती है। पिता रात को घर के बाहर सो रहे थे, दोनों बहिने घर के अंदर सो रही थी, रात्रि करीब 12 बजे के लगभग उसे अपने पैरो के यहां किसी के पकड़ने का समझ में आया, वह जाग गयी तो देखा कि हल्लेभाई गौड़ उसके पैरो को बुरी नियत से पकड़ रहा था। उसने चिल्लाकर पापा को आवाज लगायी।

 अभियोक्त्री/फरियादिया ने जब अभियुक्त हल्लेभाई को पकड़ने की कोशिश की तो उसने अभियोक्त्री/फरियादिया की छाती में लात मारकर भाग गया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर आरोपी के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना मंे लिया गया आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। आरोपी के अधिवक्ता ने जमानत आवेदन प्रस्तुत किया। जहां अभियोजन अधिकारी ने जमानत आवेदन का विरोध किया एवं महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत कियें। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी हल्लेभाई गौड़ का प्रस्तुत जमानत हेतु धारा 439 दप्रसं का आवेदन निरस्त कर दिया गया।


नाबालिग के साथ बलात्संग करने वाले आरोपी की जमानत खारिज कर भेजा जेल

सागर। न्यायालय-श्रीमान विषेष सत्र सत्र न्यायाधीश महोदय पॉक्सो एक्ट सागर के न्यायालय नें आरोपी धर्मेंद्र अहिरवार निवासी दमोह, जिला सागर म.प्र. को जेल भेजा। राज्य शासन की ओर से सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने शासन का पक्ष रखा।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादिया ने थाना मे इस आषय की रिपोर्ट लेख कराई कि मेरे फूफाजी ने मुझे भोपाल बुलाने के लिए अपने पहचान के धर्मेन्द्र अहिरवार को मेरे घर भेजा था जो मेरे घर आया तो मेरे पिताजी ने धर्मेन्द्र अहिरवार के साथ भोपाल जाने के लिए भेज दिया। धर्मेन्द्र मुझे अपने साथ सागर से बम्होरी रेगवा गांव ले गया जहां उसके रिस्तेदार का घर था उसके घर मे कोई अन्य सदस्य न होने से धर्मेन्द्र ने मेरे साथ गलत काम किया मैने मना किया तो धर्मेन्द्र ने मुझे डराया धमकाया कि किसी को बताया तो जान से खत्म कर दूंगा। 

उक्त रिपोर्ट के आधार पर आरोपी के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना मंे लिया गया आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। आरोपी के अधिवक्ता ने जमानत आवेदन प्रस्तुत किया। जहां अभियोजन अधिकारी ने जमानत आवेदन का विरोध किया एवं महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत कियें। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी धर्मेन्द्र अहिरवार का प्रस्तुत जमानत हेतु धारा 439 दप्रसं का आवेदन निरस्त कर दिया गया।

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