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Monday, December 14, 2020

कृषि कानून के वापस लेने राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने सौंपा ज्ञापन


कलेक्टे्रट के सामने बैठकर किया मौन प्रदर्शन, किसान आन्दोलन का किया समर्थन

शिवपुरी। केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ  एवं केंद्र सरकार द्वारा 3 बिलों को वापस लेने के संबंध में राज्यपाल के नाम ज्ञापन राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने किसानों के साथ प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के जिला अध्यक्ष दयालसिंह धाकड़ ने कहा कि यह कृषि कानून गलत है। उन्होंने ज्ञापन में बताया कि किसान व्यापार और वाणिज्य अधिनियम 2020 आवश्यक वस्तु संशोधन अधिनियम 2020 किसान मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 यह तीनों बिल किसान विरोधी है। 

इनके लागू करने से किसान का भला नहीं होने वाला है। किसान अपनी जमीन पर मजदूर बन जाएगा तथा इन्हें वापस लिया जाए। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने अपनी मांगे बताते हुए कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीदी गारंटी का कानून बनाए जाए। किसान विरोधी 3 कृषि कानून को वापस लिया जाए। माडल एक्ट कृषि उपज मंडी 2020 को वापस लिया जाए। सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य स्वामीनाथन आयोग के फार्मूले के अनुसार तय किया जाए। सोयाबीन की फसल की क्षति पूर्ति के लिए 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर का मुआवजा दिया जाए।

 इस दौरान राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के बैनर तले किसानों ने कलेक्ट्रेट मुख्यालय के सामने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया और दिल्ली में चल रहे किसान आन्दोलन का समर्थन किया। इस दौरान किसानों के हाथों में कृषि बिल विरोधी तख्तियां मौजूद रहीं और वह बार-बार कृषि बिल वापस लेने की मांग करते रहे। दोपहर से शुरू हुआ यह धरना प्रदर्शन सायं तक जारी रहा और बाद में ज्ञापन सौंपाकर किसान आन्दोलन को समर्थन देने के लिए रवाना हो गए। इस दौरान सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल मौजूद रहा।

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