शिवुपरी। 24 दिसंबर के दिन को भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में जाना जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य उपभोक्ता आंदोलन के महत्व और प्रत्येक उपभोक्ता को उसके अधिकारों और ज़िम्मेदारियों के प्रति जागरूक बनाने की आवश्यकता को रेखांकित करना है। स्वयं सेवी संस्था शक्त्शिाली महिला संगठन के संयोजक रवि गोयल ने बताया कि 24 दिसम्बर को ही हमारे देश का उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 में लागू हुआ था। इस अधिनियम का उद्देश्य खऱाब सामानए त्रुटिपूर्ण सेवाओं और अनुचित व्यापार परिपाटियां जैसे विभिन्न प्रकार के शोषण से उपभोक्ताओं को सुरक्षा प्रदान करना है।
सन् 1986 में इसी दिन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम विधेयक पारित हुआ था। परिणामस्वोरूप उपभोक्ताप संरक्षण नियम 1987 में भी संशोधन किया गया और 5 मार्च 2004 को अधिसूचित किया गया था। भारत सरकार ने 24 दिसम्बर को राष्ट्री य उपभोक्ता दिवस घोषित किया है क्योंकि भारत के राष्ट्रमपति ने उसी दिन ऐतिहासिक उपभोक्ताक संरक्षण अधिनियमए 1986 के अधिनियम को स्वीकारा था। इसी अवसर पर ग्राम दादौल में शक्तिशाली महिला संगठन शिवपुरी ने ग्रामीणों को उपभोक्ता दिवस के बारे में जागरुक करने के लिए सुपोषण सखी एंवं किशोरी बालिकाओं को जागरुक किया जिससे कि ये सुपोषण सखी इस मुहिम को आगे ले जा सकें और ग्रामीणों में उपभोक्ता अधिकारों के बारे में जागरुकता बढ़े।
कार्यक्रम में रवि गोयल ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की जानकारी दी ग्राहकों को क्या करना चाहिए और कैसे जागरूक करना चाहिए। इससे संबंधित जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम में सुपोषण सखी श्रीमतली लीला आदिवासी, सुशीला आदिवासी, कल्लो आदिवासी, शक्तिशाली महिला संगठन के रवि गोयल, हेमन्त उचवारे एवं उनकी पूरी टीम, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता प्रवीण सिंह, सहायिका भगवती आदिवासी, न्यूट्रीशन चैम्पियन पूजा आदिवासी, बबलीए राजनन्दनी, संगीता, कबूला आदिवासी, संजना, कुन्जा, भारती, पूनम एवं वर्षा आदिवासी किशोरी बालिकाओं के साथ समुदाय की महिलाए उपस्थित थी।
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