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Monday, December 28, 2020

सहारा इण्डिया के विरूद्ध 5 लाख रूपये से अधिक व क्षतिपूर्ति अदायगी का आदेश


जिला उपभोक्ता आयोग का जनहित फैसला, पृथक-पृथक आदेश पारित

शिवपुरी-जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग शिवपुरी द्वारा अपने उपभोक्ता हित अलग-अलग दो प्रकरणों में सहारा इण्डिया के विरूद्ध आदेश पारित करते हुए उपभोक्ता को कुल 5 लाख रुपये से अधिक तथा प्रकरण व्यय दिलाने का आदेश पारित किया है। प्रकरण के संक्षिप्त में आवेदिका श्रीमती रचना राठौर पत्नि श्री गोपाल राठौर एवं अंजली राठौर पुत्री गोपाल राठौर द्वारा अपने अधिवक्ता संजीव बिलगैयाँ एवं देवेन्द्र ओझा की ओर से पृथक-पृथक याचिका माननीय जिला उपभोक्ता फोरम शिवपुरी के समक्ष इस आशय की प्रस्तुत की थी कि उनके द्वारा अनावेदकगण से कंपनी के बॉण्ड/पॉलिसी 1,10,000 रूपये तथा 1,05,000 रूपये छै: वर्ष के लिए दि. 25.08.2012 को जमा किए थे, जिसकी परिपक्वता दि. 25.08.2018 नियत थी। 

सहारा इण्डिया द्वारा आवेदिकागण को क्रमश: 2,58,979 तथा 2,55,000 रूपये प्रदाय किए जाने थे। इस प्रकार सहारा इण्डिया से आवेदिकागण को 5,00,000 रूपये से अधिक की राशि तथा ब्याज लेना शेष है। अनावेदक कार्यालय में उसकी रसीद प्रस्तुत कर दी है, परन्तु उनके द्वारा भुगतान नही किया जा रहा है। प्रकरण में अनावेदकगण सहारा इण्डिया की अनुपस्थिति पर आदेश पारित किया है।

प्रकरण के अवलोकन के बाद जिला उपभोक्ता फोरम के न्यायधीश अध्यक्ष गौरीशंकर दुवे तथा सदस्य राजीवकृष्ण शर्मा द्वारा प्रकरण में आयी साक्ष्य तथा दस्तावेजों को सूक्ष्मता से अवलोकन करते हुए निर्धारित किया परिवादी की ओर से सहारा क्यू शॉप प्लान.एच.के अंतर्गत राशि जमा करना पाया गया है। आवेदक ने स्वयं का शपथ पत्र पेश किया है तथा प्रस्तुत प्रमाण पत्र किसी भी प्रकार से फर्जी होना नही पाया जा रहा है। इस कारण उस पर अविश्वास करने का कोई आधार नही है। 

अनावेदकगण की ओर से दस्तावेजों का कोई खण्डन नही किया है। इस कारण आवेदक का परिवाद स्वीकार किया जाकर अनावेदकगण सहारा इण्डिया को आदेशित किया जाता है कि अनावेदकगण संयुक्त एवं पृथक-पृथक आज दिनांक से एक माह के अंदर अनावेदकगण को सहारा क्यू शॉप प्लान.एच.में जमा की राशि 1,10,000 रूपये तथा 1,05,000 रूपये की परिपक्वता राशि अदा करे तथा मैच्योरिटी दिनांक से अदायगी दिनांक तक 7 प्रतिशत वार्षिक की दर से अतिरिक्त ब्याज अदा करे। आवेदकगण की ओर से पैरवी संजीव बिलगैयाँ एवं देवेन्द्र ओझाए अधिवक्तागण द्वारा की गई है।   उपभोक्ता का 1,29,062 रूपये तथा पिछले दो वर्ष का विद्युत बिल निरस्त कर क्षतिपूर्ति दिलाई गई।

जिला उपभोक्ता आयोग का जनहित फैसला

उपभोक्ता का विद्युत बिल 1 लाख 29 हजार रूपये हुआ निरस्त, 4 हजार रूपये मिलेगी प्रकरण व्यय राशि

शिवपुरी-जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग शिवपुरी द्वारा अपने उपभोक्ता हित फैसले में म.प्र.विद्युत मण्डल के विरूद्ध आदेश पारित करते हुए उपभोक्ता का 1,29,062 रूपये तथा पिछले दो वर्ष की समयावधि के विद्युत बिल निरस्त करते हुए 4000 रूपये प्रकरण व्यय दिलाने का आदेश पारित किया है।

प्रकरण के संक्षिप्त में आवेदक प्रदीपकुमार गुप्ता अपने अधिवक्तागण संजीव बिलगैयाँ एवं देवेन्द्र ओझा के माध्यम से एक शिकायत विद्युत मण्डल के विरूद्ध इस आशय की प्रस्तुत की थी कि उसके द्वारा एक घरेलू कनेक्शन प्राप्त किया हुआ है तथा विद्युत बिल की अदायगी उसके द्वारा नियमित की जाती है, परन्तु विद्युत मण्डल द्वारा विद्युत मीटर सही होने के बाद भी आंकलित खपत दिए जा रहे हैं। विद्युत मण्डल द्वारा आवेदक को एक माह में 14288 यूनिट खपत का बिल राशि 1,29,062 रूपये दे दिया है, जबकि पिछले माह तक आवेदक द्वारा बिल जमा किए गए है। शिकायत करने पर उस बिल को कम कर 72ए706ध्. रुण् कर दिया है। इस कारण बिल निरस्त घोषित किए जावें।

 अनावेदक विद्युत मण्डल ने बताया कि मीटर रीडिंग ना लेने के कारण आवेदक को आंकलित खपत के बिल दिए गए थे तथा आवेदक की शिकायत गलत पेश की गई है। माननीय जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग शिवपुरी के न्यायधीश अध्यक्ष गौरशंकर दुवे तथा सदस्य राजीव कृषण शर्मा ने प्रकरण में प्रस्तुत दस्तावेजों तथा तर्क उपरांत सूक्ष्मता से अवलोकन कर अभिनिर्धारित किया कि अनावेदक द्वारा यदि धारा 126 विद्युत अधिनियम के तहत आवेदक के परिसर का निरीक्षण किया गया तो उसकी तामील आवेदक पर कराई जाना थीए इस प्रकार की कार्यवाही की जाना प्रमाणित नही है। मात्र पंचनामा बना देने से यह नही कहा जा सकता है कि अनावेदक विद्युत के किसी सक्षम अधिकारी द्वारा पंचनामा की कार्यवाही मौके पर की गई है। 

आवेदक की शिकायत प्रमाणित मानकर अनावेदक विद्युत मण्डल के विरूद्ध आदेश पारित किया जाता है कि अनावेदक द्वारा आवेदक को दिए गए आंकलित खपत बिल जो मई 2017 से फरवरी 2019 तक दिए गए है, वो सभी निरस्त किए जाते हैं। विद्युत मण्डल द्वारा आवेदक को दिया गया बिल दि. 05.04.2019 राशि 1,29,062 रूपये निरस्त किया जाता है। मण्डल को आदेशित किया जाता है कि एक वर्ष की मीटर रीडिंग निकालकर औसत के आधार पर संशोधित बिल जारी करे तथा आवेदक ने जो भी राशि आंकलित खपत बिलों की जमा की वह उसके संशोधित बिलों में समायोजित की जावे। आवेदक को हुई शारीरिक, मानसिक परेशानी के लिए व वाद व्यय हेतु कुल 4000 रूपये विद्युत मण्डल अदा करेंगा तथा एक माह बाद उस पर 7 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज भी देगा। आवेदक की ओर से पैरवी संजीव बिलगैयाँ एवं देवेन्द्र ओझाए अधिवक्तागण द्वारा की गई है।

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